जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया गया है और इसपर चर्चा जारी है। गृहमंत्री अमित शाह बिल पर सदन में अपनी बात रख रहे हैं। इस दौरान गृहमंत्री ने कहा, “जो बिल मैं यहां लाया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी अनदेखी की गई। किसी भी समाज में जो वंचित हैं, उन्हें आगे लाना चाहिए।” इस दौरान लोकसभा में अमित शाह के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू को लेकर दिए गए बयान पर भी काफी हंगामा हुआ। गृह मंत्री ने कहा,”नेहरू ने कश्मीर को लेकर सिर्फ गलतियां नहीं की बल्कि ब्लंडर किए हैं। नेहरू की वजह से ही पीओके बना है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि दो सीटें कश्मीरी प्रवासी समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी, और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए आरक्षित होगी। पहली बार एससी/एसटी समुदाय के लिए 9 सीटें आरक्षित की जाएंगी।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on The Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2023 & The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2023
Says, “The Bill that I have brought here pertains to bringing justice to and providing rights to those against whom… pic.twitter.com/DAl8zIv7Zi
गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है लेकिन बात इतनी सी नहीं है, यह सम्मान की बात है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कुछ लोगों ने इसे कमतर आंकने की भी कोशिश की, किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है, मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि इसमें सम्मान जुड़ा हुआ है, नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं, वह गरीबों का दर्द जानते हैं।”
गृह अमित शाह ने कहा, “पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह बिल ऐसे ही लोगों को अधिकार देने का उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है।”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जो लोग कहते हैं कि धारा 370 हटने के बाद क्या हुआ? 5-6 अगस्त 2019 को कश्मीर की आवाज जो सालों से नहीं सुनी गई थी पीएम मोदी ने सुनी और आज उन्हें उनका अधिकार मिल रहा है।”
उन्होंने कहा,”1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वो भयावह था, जो लोग इस ज़मीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी को उनकी परवाह नहीं थी, जिन लोगों पर इसे रोकने की ज़िम्मेदारी थी वो इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया, तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है।”