उत्तराखंड की सिल्कयारा टनल के भीतर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए हुए संघर्ष की कई कहानियां सामने आने लगी हैं। 12 नवंबर को जब सुरंग का एक हिस्सा ढहा और 41 मजदूर उसके भीतर फंस गए तो हर किसी के मन एक ही सवाल था कि वे कब बाहर आएंगे, ऐसे ही कई दिन बीतते गए और उन्हें बाहर लाने में 17 दिन बीत गए। इस दौरान एक नाम सामने आया ‘गब्बर सिंह नेगी’, वह शख्स जिसने सुरंग के भीतर 17 दिन बिताए और फंसे हुए बाकि मजदूरों का हौसला बढ़ाया। इंडियन एक्सप्रेस ने गब्बर सिंह नेगी से खास बातचीत की है, जिसमें वह सुरंग के भीतर बिताए कई पलों को साझा कर रहे हैं।
गब्बर सिंह नेगी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा,”मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप फाइनल का स्कोर जानना चाहता था, वहां मौजूद दूसरे लड़के भी ऐसा चाहते थे लेकिन मैंने सोचा, लोग क्या सोचेंगे, यहां हम जानलेवा स्थिति में हैं और हम क्रिकेट मैच को लेकर परेशान हो रहे हैं।”
वह आगे कहते हैं,”आखिरकार पाइप के माध्यम हमने आवाज दी और दूसरी तरफ से हमें इनपुट भी हासिल हुआ।”
गब्बर सिंह नेगी का नाम मजदूरों के बाहर आते ही काफी चर्चा में आया था, यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनसे कॉल पर बात कर उन्हें शाबासी दी थी। पीएम मोदी ने उनसे कहा था,”आप विश्वविद्यालयों के लिए एक केस स्टडी हो सकते हैं कि संकट में लोगों का नेतृत्व कैसे किया जाए।”