दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रेनोवेशन मामले में बुरा फंस गए हैं। सीबीआई अब इस मामले की जांच करने जा रही है। असल में मई महीने में एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच की मांग की थी, कथित अनियमितताओं के बाद ही इस मामले को सीबीआई के पास भेजने की बात आई थी। अब गृह मंत्रालय ने इस बात को मान लिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि अरविंद केजरीवाल पर ये आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने सरकारी बंगले के रेनोवेशन के नाम पर 53 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। ये भी बताया गया था कि जिस ऑफिस का उस बंगले में निर्माण हुआ, उस पर 19.22 करोड़ रुपये खर्च हुए। जांच में एक बात ये भी कही गई कि पुराना बंगला गिराकर नया बना दिया गया था। बीजेपी ने यहां तक कहा था कि केजरीवाल ने घर के पर्दों पर ही लाखों रुपये खर्च कर दिए।
उस समय एलजी द्वारा जो चिट्ठी लिखी गई थी, उसमें भी कई दावे किए गए थे। बताया गया था कि रीकंस्ट्रक्शन के नाम पर पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) सीएम के लिए नई इमारत खड़ी कर दी। इसके अलावा ये भी आरोप लगाया गया कि शुरुआत में इस रेनोवेशन का बजट 15 करोड़ के करीब था, लेकिन समय-समय पर इसे बढ़ाया गया। चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र रहा कि दिल्ली के मास्टर प्लान का उल्लंघन किया गया है। अब सीबीआई इन सभी पहलुओं पर अपनी जांच शुरू करने जा रही है। जांच के दौरान किस किस से पूछताछ की जाएगी, ये अभी साफ नहीं।
वैसे इस पूरे विवाद में बीजेपी का आरोप तो ये भी रहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस रेनोवेशन को कोरोना काल के दौरान करवाया। ये वो समय था जब दिल्ली का राजस्व आधा रह गया था, ऐसे में एक बंगले पर इतने पैसे कैसे खर्च कर दिए गए।