यूट्यूबर मनीष कश्यप को रिहा कर दिया गया है। पटना हाईकोर्ट ने यूट्यूबर को सशर्त जमानत दी थी जिसके बाद आज उन्हें बेऊर जेल से रिहा किया गया है। मनीष कश्यप को 9 महीने बाद रिहाई मिली है। जब मनीष कश्यप को पहली बार गिरफ्तार किया गया तो तमिलनाडु ले जाया जाना था लेकिन पटना सिविल कोर्ट के फैसले के बाद बिहार की जेल में ही कैद रखा गया। आज जब मनीष कश्यप की बेऊर जेल से रिहाई तो मीडिया से बात करते हुए कश्यप ने कहा कि बिहार में कंस की सरकार है, भीड़ हटा दीजिए वरना मुझे पर और कोई केस हो जाएगा।
यूट्यूबर मनीष कश्यप को हथकड़ी पहने एक व्यक्ति को ट्रेन में यात्रा करते हुए दिखाने वाला वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के मामले में बुधवार को पटना उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। मनीष कश्यप के खिलाफ इस साल 12 मार्च को भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप लगाया गया कि लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए वीडियो से छेड़छाड़ की गई थी। न्यायमूर्ति सुनील कुमार पंवार की एकल पीठ ने उन्हें कुछ शर्तों पर नियमित जमानत दी थी थी। मनीष पर तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों की हत्या दिखाने वाले भड़काऊ वीडियो शेयर करने का आरोप है।
मनीष कश्यप ने 2016 में पुणे के एक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग पूरी की और 2018 में अपना यूट्यूब चैनल, ‘सच तक न्यूज़’ शुरू किया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से सवाल करके अपने यूट्यूब चैनल को खड़ा करने की कोशिश की। मनीष कश्यप एक सेना के जवान के बेटे हैं। उन्होंने 2020 में पश्चिम चंपारण के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 9,200 से अधिक वोट भी हासिल किए थे। इसके बाद YouTuber काफी फेमस हो गए। मनीष कश्यप पर तमिलनाडु सरकार ने भी शिकंजा कसा था, यह मामला तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरो पर हो रहे अत्याचार के दावे से जुड़ा था। इसे भ्रामक बताया गया था।