देश में कोरोना की वापसी फिर हो चुकी है। जिस वायरस ने पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों की जान ली, जिस वायरस ने देश में कोहराम मचा दिया था, उसने फिर नए साल से पहले अपना खतरनाक रूप दिखा दिया है। अचानक से कई राज्यों नें कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ने लगे हैं, कई महीनों बाद मौतें भी होनी शुरू हो चुकी हैं। इसके ऊपर नए वैरिएंट जेएन 1 ने तो पहले से ही सरकार की चिंता बढ़ा रखी है।
पिछले 24 घंटे की बात करें तो आठ महीने बाद गाजियाबाद में कोरोना का फिर केस सामने आ गया है, इसी तरह कई महीनों बाद राजधानी में दिल्ली में भी 3 मामले दर्ज किए गए हैं। गाजियाबाद में तो बीजेपी पार्षद अमित त्यागी संक्रमित हुए हैं तो वहीं दिल्ली में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। सबसे ज्यादा मुस्तैदी इस समय चंडीगढ़ में देखने को मिल रही है जहां पर मास्क की वापसी हो चुकी है, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का भी जिक्र कर दिया गया है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाके में ना जाएं।
बड़ी बात ये है कि अगर चंडीगढ़ में कोई कोविड संक्रमित पाया जाता है तो उसे सात दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया जाएगा। इसके ऊपर अस्पताल जाते वक्त भी मुंह पर मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में चंडीगढ़ में तो प्रशासन अभी से ही पूरी तरह एक्शन मोड में दिखाई दे रहा है। बेंगलुरु में भी इस समय सरकार अलर्ट हो गई है, वहां पर एक 64 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना की वजह से मौत हो गई। सामने ये बात आई है कि मृतक कई दूसरी गंभीर बीमारियों से भी जूझ रहा था। लेकिन पॉजिटिविटी रेट समझने के लिए बेंगलुरु में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
अब कोरोना के मामले तो बढ़ ही रहे हैं, उसके नए वैरिएंट जेएन 1 ने भी सभी को परेशान कर रखा है। इस समय गोवा में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, केरल में वहीं कुछ मौतें देखने को मिली हैं। वर्तमान में गोवा में नए वैरिएंट के 19 केस दर्ज हुए हैं, वहीं केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले की पुष्टि हो चुकी है। कुछ और राज्य भी हैं जो अब अलर्ट हैं, वहां भी इस नए वैरिएंट के पहुंचने की आशंका है।
इन बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट पर नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने जोर देकर कहा है कि अभी इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक वैज्ञानिक इस नए वैरिएंट पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और राज्यों को भी तैयार रहने के लिए कह दिया गया है। इस समय सारी प्राथमिकता प्रणालियों को मजबूत करने पर दी जा रही हैं। वैसे यहां ये समझना जरूरी है कि इस नए वैरिएंट से मौतें ज्यादा नहीं हो रही हैं, लेकिन दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है।