देश में कोरोना के नए सब वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। केरल में नए सब-वेरिएंट JN.1 का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद देश के सभी राज्यों में इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया। कोरोना का यह नया सब वेरिएंट दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। केंद्र सरकार भी बढ़ते मामलों को लेकर अलर्ट हो गई है। बुधवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। हालांकि WHO की ओर से भी नए सब वेरिएंट को लेकर बयान सामने आया है। उसका कहना है कि नया सब वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है।
भारत में नए वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामले केरल में 8 दिसंबर को सामने आया था। केरल में एक 79 वर्षीय महिला इससे संक्रमित हुई थी। इस मामले के सामने आने पर केरल समेत पड़ोसी राज्य अलर्ट हो गए थे। केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे आरटी-पीसीआर समेत पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित किए जाएं और पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।
देश में मंगलवार को कोविड के 288 नए केस आए। एक्टिव केस बढ़कर 1970 हो गए। कर्नाटक ने कोविड से बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवायजरी के मुताबिक 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, मरीजों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को घर से बाहर निकलने पर फेस मास्क पहनने को कहा गया है। एडवायजरी में लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
WHO की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर जेएन.1 से उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, डबल्यूएचओ ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य सर्कुलेटिंग वैरिएंट्स से होनी वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों से मजबूत निगरानी और सीक्वेंस शेयरिंग जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा था कि वायरस बदल रहा है और विकसित हो रहा है।
इनपुट-एजेंसी