ऑस्ट्रेलिया ने अपने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है। सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कम-कुशल श्रमिकों के लिए वीजा नियमों को कड़ा कर दिया जाएगा जिससे अगले दो सालों में प्रवासियों की संख्या आधी हो जाएगी। ऑस्ट्रेलिया सरकार का यह फैसला 2022-23 में नेट माइग्रेशन के रिकॉर्ड 5,10,000 तक पहुंचने की उम्मीद के बाद आया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 और 2025-26 में इसके गिरकर करीब चौथाई मिलियन होने का अनुमान जताया गया है, जो प्री-कोविड स्तरों के अनुरूप है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नई नीतियों के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में अच्छी रेटिंग हासिल करने की जरूरत होगी। इसके साथ ही जो छात्र ऑस्ट्रेलिया में लंबे वक्त के लिए रहना चाहते हैं दूसरी बार वीजा अप्लाई करने पर उसकी गहनता से जांच होगी। ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री क्लेयल ओ’नील ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमारी यह नई रणनीति माइग्रेशन की बढ़ती संख्या को फिर से सामान्य कर देगी। हालांकि, यह सिर्फ माइग्रेशन की संख्या को लेकर नहीं है बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया के भविष्य के बारे में है।
क्लेयल ओ’नील ने कहा, “सरकार के टारगेटेड रिफॉर्म पहले से ही नेट ओवरसीज माइग्रेशन पर दबाव डाल रहे हैं और फिर इसे गिराने में और योगदान देंगे।” ओ’नील ने कहा कि 2022-23 में नेट ओवरसीज माइग्रेशन में बढ़ोत्तरी ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वजह से थी। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल अपनी वार्षिक माइग्रेशन संख्या को बढ़ाया ताकि प्रमुख व्यवसायों में कर्मचारियों की भर्ती करने में मदद मिल सके और विदेशी छात्रों और श्रमिकों को लगभग दो वर्षों तक देश से बाहर रखा जा सके।
प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज़ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की माइग्रेशन संख्या को टिकाऊ स्तर पर वापस लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सिस्टम टूट गया है। नई नीतियों के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में हाई रेटिंग की जरूरत होगी। यह उन सुविधाओं को भी खत्म कर देगा जो छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रवास को लंबा करने की अनुमति देती थीं।
साथ ही अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए एक नया विशेषज्ञ वीजा स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रोसेसिंग समय को घटाकर एक हफ्ता कर दिया जाएगा। जिससे व्यवसायों को अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शीर्ष प्रवासियों की भर्ती करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया का रुख करते हैं। ग्लोबल डाटा और बिजनेस इंटेलिजेस प्लेटफॉर्म Statista की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2023 तक ऑस्ट्रेलिया में 118,869 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे। ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, जून 2021 के अंत तक 710,380 भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे। ब्रिटेन के बाद ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं।