राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम के लिए चल रही जद्दोजहद के बीच भाजपा ने आज सीएम और डिप्टी सीएम के नाम का ऐलान कर दिया है। भाजपा नेता भजनलाल शर्मा राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। राजस्थान के दो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा होंगे। वहीं, वासुदेव देवनानी राज्य के नए स्पीकर होंगे।
मुख्यमंत्री के नाम के चयन के लिए राजस्थान पहुंचे रक्षा मंत्री और राजस्थान भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने कहा, “आज राजस्थान भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा गया और सभी ने सर्वसम्मति से भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया।”
स्पीकर वासुदेव देवनानी की बात करें तो हाल ही में सामने आए राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजों में उन्हें अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से जीत मिली। भाजपा नेता देवनानी को जहां कुल 57,895 वोट मिले थे तो वहीं उनके खिलाफ खड़े कांग्रेस के महेंद्र सिंह को 53,251 वोट मिले थे। यह विधानसभा क्षेत्र अजमेर के कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है।
इस सीट से वासुदेव देवनानी पहले से ही विधायक थे। उन्होंने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, जहां उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार महेंद्र सिंह को हराया था। इस बार भी दोनों पार्टियों की ओर से यही दोनों उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की ओर से वासुदेव देवनानी ने ही जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं, 2008 के विधानसभा चुनाव में भी वासुदेव देवनानी ने ही जीत दर्ज की थी। उस दौरान देवनानी को महज 688 वोटों से जीत मिली थी। वह राजस्थान सरकार के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य के रूप में कार्यरत थे।
अजमेर उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की। देवनानी कम उम्र में आरएसएस और बाद में इसकी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गए। जिसके बाद उन्होंने नौ साल तक राजस्थान के राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। वासुदेव देवनानी 2003 में अजमेर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए। वह 2008 और 2013 में फिर से चुने गए। वासुदेव देवनानी 2003-08 में वसुंधरा राजे सरकार में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री थे। वह 2013-18 में वसुंधरा राजे के मंत्रालय में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे।
अजमेर में जन्मे देवनानी ने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह एक अकादमिक करियर में आगे बढ़े और उदयपुर में विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के डीन बने। उनका विवाह सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका इंदिरा देवनानी से हुआ। दंपति का एक बेटा और दो बेटियां हैं।
मार्च 2016 में, देवनानी ने घोषणा की कि स्कूली पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनियों को शामिल करके बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कन्हैया कुमार जैसा कोई दोबारा पैदा न हो। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की घटनाओं के मद्देनजर उन्होंने कहा कि छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करना जरूरी है। अप्रैल 2015 में देवनानी तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने कहा कि स्कूल की पाठ्यपुस्तकों से आइजैक न्यूटन , पाइथागोरस और अकबर को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चों को केवल महान अकबर के बारे में ही क्यों सीखना चाहिए? महान महाराणा प्रताप के बारे में क्यों नहीं? हमारे बच्चे लगातार विदेशी शासकों, गणितज्ञों, वैज्ञानिकों आदि के बारे में सीख रहे हैं।”