QR Code Scams: पिछले कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल क्रान्ति के तहत ऑनलाइन पेमेंट्स को बढ़ाने की मुहिम चलाई। जिसके चलते देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन में इजाफा हुआ। ऑनलाइन पेमेंट के कई तरीके हैं जैसे UPI पेमेंट, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, डिजिटल वॉलिट और QR Code। पिछले कुछ महीनों में QR Code के जरिए पेमेंट का तरीका काफी पॉप्युलर हुआ है। ऑफलाइन मार्केट और ऑनलाइन वेबसाइट पर शॉपिंग के दौरान लोग आसानी से इस तरीके से पेमेंट कर सकते हैं। हालांकि, यही तरीका अब साइबरक्रिमिनल्स के लिए एक आसान हथियार बन गया है और ये लोग ऑनलाइन पेमेंट के लिए QR कोड भेजकर लोगों से उनका पैसा लूट रहे हैं।
QR Code से जुड़ा एक बड़ा मामला कुछ साल पहले सामने आया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता से 2021 में एक व्क्ति ने ई-कॉमर्स साइट पर एक खरीदार बनकर 34,000 रुपये की ठगी कर ली। हर्षिता ने इस वेबसाइट पर एक सोफा बेचने के लिए लिस्ट किया था। इसके बाद से ही QR Code स्कैम के कई केस दर्ज हुए और इंटरनेट पर इनकी शिकायत की गई। जिनमें अलग-अलग लोगों से हजारों रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक ठग लिए गए।
स्कैमर्स आमतौर पर अपने आपको सेकंड-हैंड ऑनलाइन मार्केट प्लेस जैसे Quikr और OLX पर एक संभावित खरीददार के तौर पर पेश करते हैं और फिर पीड़ित को मैसेज करते हैं कि वह लिस्ट की गई चीज को खरीदने के इच्छुक हैं।
इस स्कैम में ये फ्रॉड व्हाट्सऐप या दूसरे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए एक QR कोड भेजते हैं और फिर स्कैन करने के लिए कहते हैं ताकि यह कन्फर्म हो सके कि बैंक अकाउंट सही है।
इसके बाद ये स्कैमर्स, यूजर का भरोसा जीतने के लिए एक छोटे अमाउंट की पेमेंट करते हैं। एक बार जब पीड़ित को पैसे मिल जाते हैं तो ये फ्रॉड एक QR Code भेजते हैं और पीड़ित व्यक्ति से कहते हैं कि इसे स्कैन कर लें ताकि बचा हुआ पैसा भी उन्हें भेजा जा सके। यूजर जब QR Code स्कैन करते हैं तो फ्रॉडस्टर्स उनसे अमाउंट, OTP या UPI पिन एंटर करने के लिए कहते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि स्कैमर्स QR कोड से भी छेड़छाड़ कर देते हैं और एक मौजूदा कोड के ऊपर अपना कोड पेस्ट कर देते हैं। आमतौर पर इस तरह का स्कैम दुकानों और पेट्रोल पंप पर होता है जहां पेमेंट रिसीव करने के लिए QR कोड आमतौर पर दीवार पर पेस्ट कर देते हैं।
इसके अलावा एक और तरीका है- ये स्कैमर्स, लोगों को QR कोड भेजकर उन्हें स्कैन करने को कहते हैं। इसके बाद यूजर एक वेबपेज पर रीडायरेक्ट होता है जहां उनसे पर्सनल डिटेल जैसे लॉगइनआईडी और पासवर्ड एंटर करने को कहा जाता है। इसके बाद यूजर्स की डिटेल चोरी कर सेंसिटिव डेटा चोरी कर लेते हैं।
कई बार ये स्कैमर्स फेक ईमेल भी भेजते हैं जिनमें आपके डेबिट/क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट के एक्सपायर होने की बात कही जाती है और ये लोग QR कोड स्कैन करके उन्हें रिन्यू करने का वादा करते हैं। अगर आप इन फॉर्म को भरकर अपने डेटा इन स्कैमर्स को भेज देते हैं तो इसे आपके बैंक अकाउंट को एक्सेस करने के लिए किया जा सकता है।
सबसे पहले ध्यान रखें कि QR कोड का इस्तेमाल पैसे भेजने के लिए किया जाता है ना कि रिसीव करने के लिए। अगर कोई आपसे यह कहता है कि आप QR Code स्कैन करके पैसे रिसीव कर सकते हैं तो इसका मतलब है कि कोई आपको जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है।
पब्लिक स्पेस जैसे जूस की दुकान या पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर दुकानदार पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले QR Codde दिखाने के लिए कहें। भारत में कई दुकानदार मल्टीपल QR कोड पेस्ट करके रखते हैं। इनमें से कई वैध और कुछ फेक भी हो सकते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से जुड़े लोगों से डील करते समय किसी तरह के QR Code को स्कैन करने से बचें। अगर आपने कोई खरीददारी नहीं की है तो क्यूआर कोड स्कैन ना करें और जहां तक संभव हो कैश में सामान खरीदें।
अगर आप किसी QR कोड स्कैम में फंस गए हैं तो तुरंत अपने बैंक को कॉल करें और ट्रांजैक्शन की सूचना दें। अगर आपको लगता है कि स्कैमर को आपके बैंक अकाउंट का एक्सेस मिल गया है तो बैंक से तुरंत इसे ब्लॉक करने को कहें।