रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और उनकी नीतियों की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि भारत के हित के खिलाफ उनको दबाव में लेना बहुत मुश्किल है। दोनों देशों के अच्छे संबंधों पर उनके विचारों को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा- उनकी नीति भारत और रूस के प्रगाढ़ संबंधों की गारंटी है।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- ”रूस और भारत के संबंध लगातार सभी दिशाओं में विकसित हो रहे हैं और इसकी मुख्य गारंटी प्रधानमंत्री मोदी की नीति है। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को भारत के राष्ट्रीय हित, भारतीय लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई या निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है। मैं जानता हूं कि उन पर ऐसा दबाव है। वैसे हमने कभी उनसे इस बारे में बात भी नहीं की। मैं बस यह देख रहा हूं कि बाहर से क्या हो रहा है। और ईमानदारी से कहूं तो कभी-कभी भारतीय लोगों के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा पर उनके सख्त रुख से मुझे हैरानी भी होती है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कठोर” निर्णय लेने की प्रशंसा करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वीडियो को देखकर सोशल मीडिया यूजर भी हैरान हैं। इस वीडियो में पूरी आवाज हिंदी में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों के बारे में अपनी बात विस्तार से बताई है। उन्होंने कहा, ”रूस और भारत के बीच संबंध लगातार सभी दिशाओं में विकसित हो रहे हैं और इसकी मुख्य गारंटी प्रधानमंत्री मोदी की नीति है।”
रूस के सांसदों ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए पांचवीं बार चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त करते हुए देश में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने की तारीख 17 मार्च 2024 तय की। पुतिन (71) ने अभी तक चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा नहीं की है लेकिन चुनाव की तारीख तय होने के साथ उनके अगले कुछ दिनों में ऐसा करने की उम्मीद है। संवैधानिक सुधारों के तहत वह अगले साल अपना मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने के बाद दो बार और छह साल के कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
रूस की राजनीतिक प्रणाली पर कड़ी पकड़ बनाए रखने के साथ पुतिन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। चुनाव में उन्हें चुनौती देने वाले उनके संभावित आलोचक या तो जेल में बंद हैं या विदेश में रह रहे हैं और ज्यादातर स्वतंत्र मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वतंत्र जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, यूक्रेन में सैन्य अभियान और निजी सैन्य कंपनी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन की बगावत का पुतिन की साख पर कोई असर पड़ता नहीं दिखता है। मार्च में होने वाले चुनाव से पुतिन के कम से कम 2030 तक सत्ता में बने रहने की संभावना है।