हमास के खिलाफ जंग खत्म होने के बाद इजरायल गाजा पट्टी में बफर जोन बनाना चाहता है। उसने यह योजना अमेरिका और अरब देशों के साथ साझा भी किया है। बफर जोन के जरिए इजरायल की कोशिश हमास को एक खास इलाके तक सीमित रखना और उसकी हर हरकत पर नजर रखना होगी। गाजा पट्टी सिर्फ 40 किलोमीटर लंबी और करीब 12 किलोमीटर चौड़ी जगह है और यहां की आबादी तकरीबन 23 लाख है। अगर यहां इजरायल बफर जोन बनाता है तो यह जगह और तंग हो जाएगी। रपट के मुताबिक, इजरायल ने अरब देशों को बफर जोन बनाने की जानकारी दी है।
इजिप्ट और जार्डन के साथ उसके राजनयिक संबंध हैं और इन दोनों ही देशों के साथ उसने योजना को साझा किया है। इजरायल के एक अफसर ने कहा, गाजा और इजरायल की सीमा पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक यह बफर जोन बनाया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो हमास आतंकी इजरायल में घुसकर जमीनी हमले नहीं कर सकेंगे। हवाई हमले रोकने के लिए इजरायल के पास पहले ही टेक्नोलाजी मौजूद है। इजरायल के इस योजना पर अब तक किसी अरब देश ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एक अफसर ने कहा, अगर किसी योजना से इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता आती है तो हम उसका समर्थन करेंगे। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सलाहकार ओफिर फाक ने कहा,यह काफी विस्तृत योजना होगी। हमास के खात्मे के बाद तीन चरण वाला बफर जोन तैयार किया गया है। सबसे पहले हमास का खात्मा किया जाएगा। इसके बाद गाजा में तमाम आतंकी ठिकानों को तबाह किया जाएगा और आखिर में वहां कट्टरपंथ की जड़ों को खत्म किया जाएगा। बफर जोन योजना का सार यही है। ओफिर ने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या इजरायल ने यय योजना दुनिया में अपने सहयोगी देशों के साथ शेयर किया है या नहीं।
वैसे इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध पर कुछ दिनों का ब्रेक लग चुका है। आपसी सहमित के बाद लगे युद्धविराम ने लोगों को बड़ी राहत दी है, दोनों की तरफ से बंधकों की रिहाई भी शुरू कर दी गई है। ये अलग बात है कि हमास की अपनी शर्तें हैं, इजरायल भी पूरी तरह झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है। इसी वजह से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाजा पहुंच गए और उन्होंने वहां पर अपने सैनिकों से मुलाकात की।
उस मुलाकात के बाद पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हमे कोई भी नहीं रोक सकता है। हम इस बात से आश्वस्त है कि हम में ताकत हैं, इच्छाशक्ति है और शिद्दत है इस युद्ध के हर उदेश्य को पूरा करने की। अब हम करने भी वहीं वाले हैं। अब नेतन्याहू का ये बयान मायने रखता है क्योंकि इससे पहले भी वे ऐसे संकेत दे चुके हैं कि जब तक हमास के हर ठिकाने का खात्मा नहीं हो जाता, ये युद्ध नहीं रोका जा सकता।