Assembly Elections Result: हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने इंडिया गठबंधन में उसे हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया। पार्टी को भरोसा था कि वो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता पर कायम रहेगी, जबकि मध्य प्रदेश में जीत की उम्मीद कर रही थी, लेकिन यह उसकी सोच के बिल्कुल विपरीत हुआ। कांग्रेस पार्टी को एक मात्र सफलता तेलंगाना में मिली, जहां उसने सत्ता पर काबिज केसीआर की बीआरएस को उखाड़ फेंका।
ऐसे में तीन राज्यों में कांग्रेस की हार इंडिया गठबंधन में उसकी छवि को धूमिल करेगा। इसी बीच जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बड़ा बयान दिया। त्यागी ने कहा, ‘कांग्रेस की हार इंडिया गठबंधन की हार नहीं है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस अब भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकती…कांग्रेस को इस सिंड्रोम से बाहर निकलना होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि अच्छी बात है कि कांग्रेस ने पहले ही घटक दलों से खुद को दूर कर लिया। त्यागी ने कहा, ‘जब फसलें सूख गईं तो बारिश का क्या फायदा।’
एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए इस फैसले का इंडिया गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। शरद पवार ने कहा, ‘हम दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठेंगे। हम लोगों से बात करेंगे जो जमीनी हकीकत जानते हैं। हम टिप्पणी करने में तभी सक्षम होंगे। बैठक के बाद इस पर चर्चा होगी।’
हालांकि, शरद पवार ने तेलंगाना में कांग्रेस की जीत बढ़त को राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर भारत जोड़ो यात्रा का असर बताया। साथ ही कहा कि ऐसा नतीजा शुरू से ही स्पष्ट था।
मौजूदा हालात को देंखे तो इंडिया गठबंधन को भी अपनी रणनीति पर पुन: विचार करना होगा। क्योंकि हिंदी पट्टी में कांग्रेस की हार यह भी संकेत दे सकती है कि उसकी जाति जनगणना का मुद्दा हिंदी पट्टी के मतदाताओं को पसंद नहीं आया। जातीय जनगणना कराने का दबाव भाजपा के खिलाफ विपक्षी हमलों का एक हिस्सा रहा है। जिसने बीजेपी पर दलित और आदिवासी होने का आरोप लगाया।