शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को चतुर राजनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है। यह बात उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में फिर साबित किया। शिवराज सिंह की अगुआई में भाजपा ने 3 दिसंबर 2023 को शाम 6 बजे तक 67 सीटें जीत ली थीं और 99 पर आगे थी। यदि यही बढ़त कायम रहती है तो शिवराज सिंह इतिहास रच देंगे।
शिवराज सिंह की अगुआई में भाजपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा। इससे पहले भाजपा ने शिवराज की अगुआई में 2013 में 165 सीटें हासिल की थीं। हालांकि, मध्य प्रदेश में भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2003 में रहा था। तब उमा भारती की अगुआई में भाजपा ने 230 में से 173 सीटें जीती थीं।
इस मौके पर हम आपको उनकी लव स्टोरी बताने जा रहे हैं। सूबे में ‘मामा’ के नाम से मशहूर शिवराज सिंह ने कभी आजीवन शादी नहीं करने की प्रतिज्ञा की थी। किसान परिवार से आने वाले शिवराज किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। संगठन से जुड़ने के बाद उन्हें लगा कि आरएसएस के दर्शन के साथ जुड़े रहना है तो अविवाहित ही रहना चाहिए।
शिवराज सिंह ने इसके बाद शादी नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने अपने फैसले से परिजन को अवगत करा दिया, लेकिन वे (परिवारवाले) बिल्कुल सहमत नहीं थे। यही वजह थी कि परिजन शिवराज पर बार-बार शादी करने का दबाव डालते थे, लेकिन वह मना कर देते थे। शिवराज 1991 में पहली बार विदिशा सीट जीतकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद उन पर शादी का दबाव और बढ़ गया।
बहन के बहुत मनाने पर आखिरकार शिवराज सिंह पहली बार साधना सिंह से मिलने को तैयार हुए। साधना को देखते ही शिवराज उन्हें अपना दिल दे बैठे और शादी नहीं करने की अपनी प्रतिज्ञा तोड़ दी। साधना को भी शिवराज सिंह की सादगी भा गई। उन्होंने शादी के लिए हां कर दी। शिवराज की पत्नी साधना सिंह महाराष्ट्र के गोंदिया की रहने वाली हैं।
इसके बाद शिवराज ने साधना से फिर मुलाकात की और दिल खोलकर बात की। शिवराज ने बता दिया कि राजनीति और देशसेवा की डगर कठिन है। इस नाते उनके पास समय कम होगा। जीवन में कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ सकता है। साधना को उनकी सादगी और साफगोई पसंद आ गई और प्यार की गाड़ी बढ़ गई। शादी से पहले तक शिवराज उन्हें पत्र भी लिखते थे। शिवराज-साधना की जोड़ी हिट है। साधना हमेशा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहती हैं। शिवराज और साधना के दो बेटे हैं।