कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया एक बार फिर चीन में फैले रहस्यमयी बुखार और निमोनिया से सतर्क नजर आ रही है। भारत सरकार ने भी कोविड के बाद चीन से आने वाली इस तरह की खबरों को लेकर काफी सतर्कता बरती है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि बच्चों में सांस से जुड़ी किसी भी तकलीफ के सामने आने के बाद तुरंत जांच कराएं। इसकी पूरी जानकारी भी केंद्र सरकार को दी जाए। चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को स्थानीय अधिकारियों से क्लीनिकों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है ताकि बुखार से जुड़े मामलों से तेजी से निपटा जा सके।
चीन से बढ़ते हुए बुखार के मामलों को लेकर जब काफी खबरें सामने आने लगीं तो पिछले हफ्ते यह एक वैश्विक मुद्दा बन गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन बच्चों में निमोनिया के बढ़ते मामलों को लेकर जानकारी मांगी है। चीन की कैबिनेट स्टेट काउंसिल ने शुक्रवार को कहा कि इस सर्दी के मौसम में इस तहा की बीमारी पीक पर होंगी। जबकि कुछ क्षेत्रों में निमोनिया का संक्रमण अधिक रहेगा।
केंद्र सरकार ने खासतौर पर बच्चों के भीतर फैली सांस की बीमारी से निपटने के लिए राज्य सरकारों को सतर्क कर दिया है। सरकार ने कहा है कि अगर ऐसे मामले बढ़ते हैं और सांस में तकलीफ से जुड़े मामले सामने आते हैं तो उन्हें तुरंत जांच के लिए भेजे हैं और केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट भेजी जाए। रिपोर्ट को आगे जांच के लिए भेजा जाएगा और इसके खतरे से निपटने के लिए तैयारी की जाएगी। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा था कि चीन में विशेषकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने मेहसाणा में कहा था, “सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”