बारिश के पूर्वानुमान और तापमान के 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरने से उत्तरकाशी में सुरंग के नीचे फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में अतिरिक्त बाधाएं आ रही हैं। मौसम कार्यालय ने उत्तराखंड में 4,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की भविष्यवाणी की है, जिससे बचाव टीमों के सामने चुनौतियां बढ़ जाएंगी।
12 नवंबर को 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के ढहने के बाद से मजदूर इसमें फंसे हुए हैं। बचाव प्रयासों को अब अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मौसम प्रतिकूल होता जा रहा है। तूफान, बर्फबारी और पहाड़ी क्षेत्र में कम तापमान की भी संभावना है। हालांकि, बचाव अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
NHIDCL कंपनी के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “उन्हें हर स्थिति में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है इसलिए यह हमारे लिए चिंता की बात नहीं है।”
बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ऊपर से की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 31 मीटर तक पहुंच चुकी है। हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के टूटने के बाद वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी थी । सिल्कयारा में बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे सीमा सड़क संगठन के पूर्व महानिदेशक हरपाल सिंह ने मंगलवार को बताया कि अब तक 31 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है। इसके तहत 1.2 मीटर व्यास के पाइपों को सुरंग के शीर्ष से नीचे की ओर डाला जाएगा।
अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा। सिंह ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंस गए, अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष बचे हिस्से भी सोमवार को तड़के बाहर निकाल लिए गए जिसके बाद श्रमिकों के लिए पहले से बनाए जा रहे रास्ते को पूरा करने के लिए अब ‘मैन्युअल ड्रिलिंग’ शुरू की जाएगी । उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारियां चल रही हैं।