Hardeep Singh Puri Love Story: राजनयिक से केंद्रीय मंत्री बने हरदीप सिंह पुरी ने अपनी पत्नी लक्ष्मी पुरी के साथ लव स्टोरी का खुलासा किया। उनकी पत्नी भी पूर्व राजनयिक हैं। ‘आप की अदालत’ हरदीप सिंह पुरी ने अपनी लक्ष्मी पुरी के साथ अपनी लव स्टोरी से लेकर शादी तक के घटनाक्रम को साझा किया।
जब हरदीप सिंह पुरी से पूछा गया कि 21 साल की उम्र में आप आईएफएस पास करने के बाद मंसूरी अकादमी में पहुंचे तो वहां जो सबसे सुंदर और टॉपर लड़की थी। आपके बैचमेट कहते हैं कि तुरंत आप ने मोहब्बत कर ली? इस सवाल के जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मोहब्बत जो है वो फिल्मों में होती है, लेकिन रियल लाइफ में जो समस्याएं होती हैं उनको भी हल करना पड़ता है। पुरी ने बताया कि हम दोनों ने भारतीय विदेश सेवा ( IFS ) चुना, लेकिन दिक्कत बात में आई। मेरी माता जी ने कहा कि आप दोनों अंबेसडर बन जाओगे तो मैनेज कैसे करोगे, घर कौन चलाएगा। वो एक हाउस वाइफ थीं, लेकिन जब उनको समझाया गया तो वो मान गईं।’
हरदीप सिंह ने बताया कि लक्ष्मी पुरी के पिता जी लॉ सेक्रेटरी थे। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत प्रॉब्लम होने वाली है। उन्होंने कहा कि शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत करनी पड़ेगी। क्योंकि हम सिख थे वो हिंदू थी। इसलिए सिख और हिंदू मैरिज को लेकर कोई सवाल उठे। इस तरह की समस्याएं थीं, लेकिन फिर इसके बाद मोहब्बत हो गई। पुरी ने कहा कि जब इस तरह की चीजों को सामना करना पड़ता है तो फिर मोहब्बत बहुत तगड़ी हो जाती है।
इस सवाल के जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जब यह सब बात चल रही थी तो मेरे पिता जी एक दिन थोड़े से इमोशनल हो गए थे। उस दौरान किसी ने कहा कि समझाओ तो तीन में से एक जो सबसे बड़े थे। उन्होंने कहा मुझसे कहा कि यार महाराष्ट्रन के साथ शादी करोगे। वो तो लोग खाने में चीनी डालते हैं। मैंने उनसे कहा कि ऐसा महाराष्ट्र के लोग नहीं गुजराती करते हैं। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि यार लड़की तो पढ़ी-लिखी है और समझदार भी लगती है। पुरी ने कहा तो धमकाया किसी ने नहीं था। बस मेरे पिता थी थोड़े से इमोशनल हो गए थे, बस उन लोगों ने मुझे मनाने की कोशिश की थी। हरदीप सिंह ने आगे बताया था कि मैं अपने माता-पिता का बेटा था, लेकिन बाद असली लड़की उनके लिए ये (लक्ष्मी पुरी) बन गईं।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वो गुरुमुखी पढ़ सकती हैं, लेकिन मैं नहीं पढ़ सकता। यह असलियत है। क्योंकि इन्होंने मेरी माता जी के साथ रहकर गुरुमुखी सीखी।