बेहद खराब दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव है। चुनाव के बाद नई सरकार पाकिस्तान को मौजूदा हालातों से निकाल पाएगी, इसको लेकर पाकिस्तानियों के मन में शंका है। पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जीओ टीवी द्वारा द न्यूज के हवाले से छापी गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि करीब आधे पाकिस्तानियों को चुनाव बाद भी अपने मुल्क के आर्थिक हालातों में सुधार की कोई संभावना नजर नहीं आती।
IPSOS पाकिस्तान के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे की फोर्थ क्वार्टर रिपोर्ट् में कुछ इसी तरह के दावे किए गए हैं। 31 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच किए गए इस सर्वे में एक हजार से ज्यादा पाकिस्तानियों ने हिस्सा लिया। इस सर्वे में करीब आधे लोगों यानी 49% लोगों ने पाकिस्तान के हालातों को लेकर चिंता जताई है। करीब 26% लोगों ने इस सवाल पर न्यूट्रल पोजिशन अपनाई और देश के भविष्य को लेकर कोई भी बात कहने से परहेज किया जबकि 25% लोगों ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान के हालात बेहतर हो जाएंगे।
IPSOS के सर्वे में 88% पाकिस्तानियों ने बेरोजगार होने का डर जताया। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 96% लोगों ने आर्थिक कठिनाई की वजह से सामान्य घरेलू खरीदने में कठिनाइयों की शिकायत की। 92% लोगों ने कहा कि वो कोई भी बचत नहीं कर पाए रहे हैं और भविष्य की अपनी जरूरतों के लिए वो इवेस्ट नहीं कर पा रहे हैं। सर्वे में 10 में से सिर्फ 1 पाकिस्तानी ने कहा कि उनका देश सही दिशा में आगे जा रहा है। सर्वे में लोगों को आर्थिक समस्याओं को पाकिस्तानियों की सबसे बड़ी समस्या करार दिया।
आपको बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से बेहद खराब हालातों से जूझ रहा है। हालांकि IPSOS पाकिस्तान के मौजूदा सर्वे में 5% पाकिस्तानियों ने Q4 में अपनी इकोनॉमी को ‘स्ट्रांग’ कहा। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 60% पाकिस्तानियों ने अपने देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को कमजोर करार दिया। सर्वे में जॉब सिक्योरिटी के सवाल पर 88% ने कम कॉन्फिडेंस दिखाया।