पिंपरी के डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाजरत 19 वर्षीय लड़की ने मौत के बाद भी चार लोगों को नई जिंदगी दे गई। डॉक्टरों ने बताया कि लड़की को इस वर्ष 8 नवंबर को हाइपोक्सेमिक इस्केमिक एन्सेफैलोपैथी से पीड़ित होने पर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 19 नवंबर को उसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया। ऐसी स्थिति में उसके परिजनों का काउंसलिंग किया गया। इसके बाद परिजनों ने उसके अंग दान करने का फैसला किया।
उसके परिजनों की सहमति से हृदय, लीवर, दो किडनी और एक जोड़ी फेफड़े दान कर दिए गए। एक किडनी और लीवर जिंदगी और मौत से जुझ रही 45 वर्षीय एक महिला को दान में दिया गया और जिसका अंग प्रत्यारोपण 20 नवंबर को हुआ। दूसरी किडनी, हृदय और फेफड़ों की जोड़ी एक अन्य अस्पताल को दान स्वरूप दिया गया।
डॉ. डीवाई पाटिल विद्यापीठ (डीम्ड विश्वविद्यालय), पिंपरी की प्रो-चांसलर डॉ. भाग्यश्री पी पाटिल ने कहा, ‘ अंग दान से बड़ा पुनीत कार्य इस दुनिया में कोई और नहीं हो सकता है, क्योंकि ये जीवन बचाने का अंतिम उपाय हैं।’ डीपीयू अस्पताल की सीईओ डॉ. मनीषा करमरकर ने कहा ‘हमारे सक्षम अंग प्रत्यारोपण विशेषज्ञ जटिल और दुर्लभ सर्जरी को सफल बनाने में अहम योगदान दिया है।’