केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज डीप फेक के मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और हितधारकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनियां ‘डीपफेक’ का पता लगाने, इससे निपटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट कार्रवाइयां करने पर सहमत हुईं।
वैष्णव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम आज ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए नए नियम होंगे। यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।’’ मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है। वैष्णव ने कहा, ‘‘ हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी, आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। ड्राफ्ट रेगुलेशन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।’’
डीप फेक पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैठक के लिए बुलाया गया था। सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है। हमें 4 चीजों पर मिलकर काम करना पड़ेगा- इसकी जांच कैसे हो? इसे वायरल होने से कैसे बचाएं? कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके? इस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम करें?”
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “इस पर एक नए रेगुलेशन की जरूरत है, इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू होगी। अगले कुछ हफ्तों में रेगुलेशन के ड्राफ्ट को तैयार करने की कोशिश की जाएगी जिससे जल्द से जल्द सामाजिक संस्थाओं को बचाने का काम किया जाएगा।”
डीपफेक’ में AI का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। हाल ही में, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर आए। पीएम मोदी का भी गरबा करते हुए डीपफेक वीडियो सामने आया था। इससे फेक कंटेंट बनाने के लिए टेक्नॉलॉजी और उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए।