इजराइल और हमास के बीच पिछले महीने से जारी युद्ध के बीच भारत ने एक बार फिर तनाव कम करने का आह्वान किया है। भारत ने आम नागरिकों पर हो रहे हमलों और घायल लोगों के लिए भी आवाज उठाई है और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने की जरूरत के लिए भी बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत फलस्तीनी लोगों को अधिक मानवीय सहायता भेजने पर विचार कर रहा है। 7अक्टूबर को हमास के इजरायली शहरों पर हमलों के बाद इजराइल गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चला रहा है।
गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल में इजराइली सैनिकों द्वारा अभियान चलाने के बार में पूछे जाने पर अरिंदम बागची ने कहा कि यह मुद्दा केवल किसी एक विशेष अस्पताल का नहीं है और भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की आवश्यकता पर बात की है और समर्थन किया है।
गाजा के मुख्य चिकित्सा परिसर के निदेशक ने मीडिया को बताया कि अस्पतालों के भीतर के हालात भयानक हैं। इसकी वजह इजरायली सेना की छापेमारी के दूसरे दिन भी जारी रहने को कहा जा रहा है। गाजा टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि सभी सेवाएं बंद हो गई हैं क्योंकि नेटवर्क को बनाए रखने वाले सभी सौर्स खत्म हो गए हैं।
7 अक्टूबर से गाजा पर इजरायली हमलों में कम से कम 11,470 लोग मारे गए हैं। इजरायल के हमलों के बीच स्वास्थ्य प्रणाली के पूरी तरह खत्म होने के कारण कई दिनों तक यह आंकड़ा अपडेट नहीं किया गया है। इजरायल में हमास के हमलों से मरने वालों की आधिकारिक संख्या 1,200 से ज्यादा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल-शिफ़ा अस्पताल पर इजरायल के छापे का समर्थन किया है। फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट ने फेसबुक पर एक बयान में लिखा कि गाजा पट्टी में अल-अहली अरब अस्पताल इस समय इजरायली टैंकों की घेराबंदी में है। इस तरह अभी भी गाजा के हालात काफी नाजुक बने हुए हैं।