म्यांमार सेना ने सोमवार को चिन राज्य में हवाई हमला किया। इसके बाद 5,000 से अधिक म्यांमार के नागरिक भारत के पड़ोसी राज्य मिजोरम में चले आये हैं। मिजोरम पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) लालबियाकथंगा खियांगते ने कहा कि अब म्यांमार सीमा पर मिजोरम के दो गांवों में 5,000 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है। उन्होंने बताया कि कई लोग घायल भी हुए हैं। इस दौरान म्यांमार आर्मी के 42 जवानों ने मिजोरम पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।
आईजीपी खियांगते ने आगे कहा, “लगभग 20 लोग घायल हैं। उनमें से आठ को बेहतर चिकित्सा उपचार के लिए आइजोल ले जाया गया है और बाकी का इलाज चम्फाई में किया जा रहा है। घायलों में से एक ने कल शाम दम तोड़ दिया।”
पत्रकारों ने IGP से पूछा कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति क्या है और क्या म्यांमार की ओर से हंगामे की कोई संभावना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “कल रात से कोई हंगामा नहीं हुआ है। अब यह काफी शांत है लेकिन हमें नहीं पता कि म्यांमार की सेना हवाई हमला करेगी या नहीं। अगर म्यांमार सरकार चाहे तो हम फिलहाल हवाई हमले से इनकार नहीं कर सकते।”
मिजोरम आईजीपी ने बताया कि म्यांमार सेना के 42 जवानों ने मिजोरम पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और उन्हें केंद्रीय बल असम राइफल्स को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उनके भाग्य का फैसला करेगी। घायलों की देखभाल स्थानीय मिज़ो गैर-सरकारी संगठन कर रहे हैं। सोमवार को भारत की ओर आते समय म्यांमार के कई नागरिक गोलीबारी में फंस गए और घायल हो गए।
कथित तौर पर लड़ाई तब शुरू हुई जब पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) ने भारतीय सीमा के पास चिन राज्य में ख्वामावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में म्यांमार की सेना ने हवाई हमले किए। म्यांमार सेना के हवाई हमले में घायल हुए कई म्यांमार नागरिक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर मिजोरम के चम्फाई जिले में प्रवेश कर गए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिज़ो लोग चिन समुदाय के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं। म्यांमार की सैन्य जुंटा 2021 के तख्तापलट में सत्ता संभालने के बाद से अपनी सबसे बड़ी परीक्षा का सामना कर रही है।