दक्षिण अफ्रीका ने गाजा पट्टी पर बमबारी को नरसंहार बताया है। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल से अपने राजदूत और राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर हाल ही में किए गए कमेंट को लेकर अपने राजदूत के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। हालांकि इस इजरायल में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत के कमेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
दरअसल, सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले में 1,400 से अधिक लोगों की मौत के बाद युद्ध छिड़ गया था। गाजा में इजरायली सेना की कार्रवाई में 10 हजार से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
मंत्री खुम्बुद्जो नत्शावेनी ने कहा, “दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इजरायल से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।” उन्होंने आगे कहा कि कैबिनेट ने इजरायली सरकार के अत्याचारों और नरसंहार का विरोध करने वालों के बारे में दक्षिण अफ्रीका में इजरायली राजदूत की अपमानजनक टिप्पणी” पर गौर किया। इसके साथ ही उन्होंने संबंध विभाग को उनके आचरण को लेकर राजनयिक माध्यमों और नियमों के तहत आवश्यक कार्यवाई करने का आदेश दिया।
नत्शावेनी ने यह भी कहा कि इजरायल में देश के राजदूत के रुख का समर्थन नहीं किया जा सकता। जोहानिसबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और प्रीटोरिया व केपटाउन में इजरायली दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण अफ्रीका सरकार से इजरायली राजदूत को निष्कासित करने की अपील की है।
वहीं दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री नालेदी पेंडोर ने कहा कि सरकार को क्षेत्र की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए दक्षिण अफ़्रीकी अधिकारियों को इजरायल से वापस बुलाया जाएगा। पेंडोर ने कहा, “हमें अपने अधिकारियों के साथ चर्चा करनी है। हम फलस्तीनी क्षेत्र में बच्चों और निर्दोष नागरिकों की निरंतर हत्या से बेहद चिंतित हैं। हमारा मानना है कि इजरायल की जवाबी कार्रवाई सामूहिक दंड देने के समान है।”
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार है। इस पार्टी के फलस्तीन से घनिष्ठ संबंध है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में युद्ध रोकने की बात कही है। इसके साथ ही बमबारी वाले क्षेत्र में राहत सामग्री पहुंचाने की अनुमति की भी बात कही है। दक्षिण अफ्रीका के अलावा कई देश इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला चुके हैं। इनमें चिली, कोलंबिया, बोलीविया भी शामिल हैं। जिन्होंने इजरायल से राजनयिक संबंध खत्म कर दिए हैं।