Bengal Ration Scam: पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की हालत बिगड़ने के बाद कल उनको एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेहोश हुए मलिक को कथित राशन घोटाल मामले में शुक्रवार तड़के गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें कोलकाता की एक अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 10 दिनों ईडी रिमांड पर भेज दिया गया।
ज्योतिप्रिय मलिक की हालत को लेकर अस्पताल ने एक हेल्थ बुलेटिन जारी किया। जिसमें कहा गया, ‘मलिक (66) की हालत फिलहाल स्थिर है और उन्हें करीबी निगरानी और जांच के लिए भर्ती कराया गया है। बुलेटिन में कहा गया कि उनका सीटी स्कैन, एमआरआई और ब्लड की जांच की गई। इससे पहले एक अधिकारी ने कहा था कि राज्य के वन मंत्री कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल चिकित्सीय जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया।
राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को चक्कर आना, मतली, उल्टी और बाएं हाथ की कमजोरी की शिकायत के बाद शाम लगभग 7.05 बजे कोलकाता के शलिटी अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। उनकी देखरेख आपातकालीन चिकित्सक और आंतरिक चिकित्सा, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के सलाहकारों की एक टीम द्वारा किया गया था। उनकी सलाह पर वन मंत्री का सीटी स्कैन, एमआरआई और ब्लड जांच कराई गई।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिजनेसमैन बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद मलिक के घर छापा मारा था। रहमान को पिछले हफ्ते कैखाली स्थित उनके फ्लैट पर 53 घंटे से अधिक समय तक चली ईडी की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। रहमान के फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की मोहर लगे 100 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे। रहमान अपने चावल मिल व्यवसाय के अलावा कई होटल, रिसॉर्ट और बार के भी मालिक हैं।
ईडी सूत्रों ने बताया कि रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया था। आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई अनियमितताएं हुईं और राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उस वक्त मलिक खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री थे।
ममता बनर्जी ने गुरुवार 26 अक्टूबर को विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के छापे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। छापेमारी पर ममता ने कहा कि भाजपा गंदा राजनीतिक खेल खेल रही है। चुनाव से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ED की छापामार कार्रवाई क्या दर्शाती है?
ममता ने भाजपा से सवाल पूछा- कि क्या किसी भाजपा नेता के घर भी ED की छापेमारी हुई है? ममता ने कहा कि भाजपा कहती है कि वह सबका साथ, सबका विकास चाहती है। हकीकत में इसका मतलब सबका साथ, सबका सत्यनाश है। ED जांच और छापेमारी के नाम पर लोगों पर अत्याचार कर रही है। अंग्रेजों की तरह भाजपा उन सभी पर अत्याचार कर रही है, जो उसके खिलाफ हैं। मता ने कहा, ‘ज्योतिप्रिया मलिक बीमार हैं। अगर ED की छापेमारी के दौरान उन्हें कुछ हुआ तो मैं भाजपा और ED के खिलाफ FIR दर्ज कराऊंगी।