पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने कार्यवाहक सरकार की उपयोगिता और उद्देश्य को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा है कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है। ना कि अंतरिम सरकार की। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार चीफ जस्टिस ने देश में समय पर चुनाव कराने के अनुरोध से संबंधित एक मामले की मंगलवार को सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-काकड़ का शासन का जिम्मा संभाल रहे हैं। देश में अगले साल जनवरी में चुनाव होने की संभावना है। कार्यवाहक सरकार पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों में भी है। काकड़ इस समय पाकिस्तान की सबसे ताकतवर शख्सियत हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि कार्यवाहक सरकार का एक उद्देश्य पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराना है। लेकिन संविधान के अनुसार पारदर्शी चुनाव कराने की जिम्मेदारी पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) की है। उन्होंने सवाल किया कि जब ये जिम्मेदारी आयोग की है तो कार्यवाहक सरकार की क्या जरूरत है। तीन सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस ईसा ने कहा कि जनरल जिया-उल हक ने कार्यवाहक सरकार का विचार पेश किया था। हालांकि उसने कभी इस पर खुद अमल नहीं किया।
ध्यान रहे कि पाकिस्तान में चुनावी बिगुल बज चुका है। नवाज शरीफ चार साल बाद वापस अपने मुल्क आ चुके हैं। तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के चीफ नवाज शरीफ शनिवार को पाकिस्तान लौट आए थे। अब शरीफ के खिलाफ अदालती मामलों पर फिर से सुनवाई शुरू हो सकेगी, जो बंद थी। वैसे शरीफ को तोशाखाना मामले में जमानत मिल गई है। उधर इमरान खान भी तोशाखाना मामले में राहत हासिल कर चुके हैं लेकिन गोपनीय दस्तावेज मामले में वो जेल में बंद हैं।