हमास से युद्ध के बीच इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र को खरी खोटी सुनाई है। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र को नसीहत देते हुए कहा कि UN बंधकों को छुड़ाने पर ध्यान दें। हमास और इजरायल के संघर्ष में अब तक 3900 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच, UN और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हमास के प्रति हमदर्दी दिखाने पर यूएन में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने जमकर निशाना साधा।
इजरायल के राजदूत ने यूएन से सवाल किया कि आपका गुस्सा तब कहां था? जब हमास के आंतकवादियों ने इजरायल में बच्चों की हत्या की, महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया और जिंदा बचे लोगों को बंधक लिया। अधिकारी ने कहा कि आपके दोहरे मापदंड की सचमुच में कोई सीमा नहीं हैं। क्या आप किसी ऐसी जगह रह रहे हैं, जहां से आपको हमास की क्रूरता नहीं दिख रही। एर्दान ने कहा, ” हमास के हमले में हजारों इजरायली मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। अगर इस आतंकवादी समूह को खत्म नहीं किया गया तो भविष्य में हजारों लोगों का नरसंहार होगा।”
इजरायली राजदूत मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स की एक पोस्ट पर भड़क गए। ग्रिफिथ्स ने अपनी पोस्ट में कहा था कि गाजा पर मौत का साया मंडरा रहा है। बिन बिजली, पानी, खाना और दवा के हजारों लोग मर जाएंगे।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी की पोस्ट पर पूछा कि जब हमास ने सुरंगें खोदने और रॉकेट बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का सारा धन खर्च कर दिया, तब आपका आक्रोश कहां था? एर्दान ने आगे पूछा कि जब हमास ने गाजा के लोगों के हर संसाधन को अपनी क्षमता बना लिया तो आपने कभी सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा क्यों नहीं की? राजदूत ने कहा कि अगर आप सच में एक मानवीय संगठन के प्रमुख के रूप में काम करना चाहते हैं और लोगों का दर्द कम करना चाहते हैं तो शुरुआत हमास से सभी बंधकों को रिहा करने का आह्वान करें।
वहीं, दूसरी ओर ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस की ओर से गाजा पट्टी पर जारी हमलों को लेकर चिंता जताना भी इजरायल को नागवार गुजरा है। रविवार को वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने मानवाधिकारों की बात करते हुए हिंसा रोकने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इजरायल और फिलिस्तीन में जो हुआ है, उसे लेकर मुझे बहुत दर्द है।
इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा, “इजरायल यह उम्मीद करता है कि वेटिकन सिटी को अपनी स्पष्ट राय सामने रखनी चाहिए। उसे बिना किसी लाग-लपेट के ही हमास की ओर से बेगुनाह लोगों की हत्या की निंदा करनी चाहिए। हमास ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक को नहीं छोड़ा। ये कत्ल सिर्फ इसलिए किए गए क्योंकि वे लोग यहूदी और इजरायल के नागरिक थे।”
इजरायल के मंत्री ने कहा कि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। वेटिकन सिटी ने अपने बयान में मुख्य तौर पर गाजा के नागरिकों को लेकर ही चिंता जताई है। ऐसा तब हुआ है, जब इजरायल के 1300 लोगों की हत्याएं हो गईं और हम उसका दुख मना रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पोप फ्रांसिस के बयान में मारे गए इजरायली लोगों के लिए संवेदना तक व्यक्त नहीं की गई। वहीं गाजा को लेकर चिंता जाहिर की गई है।
गौरतलब है कि पिछले 9 दिनों से जारी युद्ध के बाद इजरायल में मरने वालों की संख्या 1400 है और 3500 लोग घायल है। वहीं अगर फिलिस्तीन की बात करें तो इजरायल के हवाई हमले में फिलिस्तीन के 2670 लोगों की मौत हो गई और 9600 लोग घायल हैं।