इजरायल-हमास लड़ाई के बीच पहली शुक्रवार को नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में इकट्ठा हुए। इस दौरान पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और फ़िलिस्तीनियों का समर्थन किया। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मौलवी अब्दुल अजीज ने लाल मस्जिद में फ़िलिस्तीनियों के लिए दुआ की। उन्होंने कहा “हे अल्लाह इज़रायल को नष्ट कर दो! इसे टुकड़ों में बांट दो…”। इस दौरान नमाज अता करने के लिए मस्जिद में लगभग 900 लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मस्जिद का संबंध पाकिस्तानी तालिबान से है। यह अफगान-तालिबान का समर्थन करने के लिए जाना जाता है। इस दौरान मौलवी अजीज ने अल्लाह से इस जिहाद में उन सभी फ़िलिस्तीनियों की मदद करने की दुआ की जो इस वक्त उनके हिसाब से पवित्र युद्ध क्षेत्र में हैं। लाल मस्जिद के लाउडस्पीकर्स में मौलवी अजीज की आवाज गूंज रही थी। वे कह रहे थे “हे अल्लाह उनके लिए राहें आसान बनाओ और हमें शहीदों की मौत का आशीर्वाद दो।” इसके अलावा कट्टरपंथी इस्लामी पार्टियों ने शुक्रवार की नमाज के बाद इजरायल विरोधी रैलियां भी निकालीं।
इस दौरान लोगों ने फ़िलिस्तीनी की जीत के लिए दुआ की। मौलवियों ने लोगों से फ़िलिस्तीनियों के लिए दुआ करने को कहा। फ़िलिस्तीनी राज्य के कारण पाकिस्तान का इजरायल के साथ कोई राजनीतिक संबंध नहीं है।
इस दौरान पाकिस्तान में लोगों ने एकजुटता दिखाई और फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में कुआलालंपुर में रैली निकाली। फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में शुक्रवार की नमाज़ के बाद मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में लगभग 1,000 मुसलमानों ने रैली की। उन्होंने इस दैरान “फिलिस्तीन को आज़ाद करो” और “ज़ायोनीवादियों को कुचलो” के नारे लगाए। इसके अलावा उन्होंने इज़रायली झंडों से लिपटे दो पुतले जलाए।
रैली में शामिल हुए एक छात्र यास्मीन हादी अब्दुल हलीम ने कहा, “इजरायली-फिलिस्तीनी मुद्दा किसी भी धार्मिक मुद्दे बढ़कर है। यह एक मानवीय मुद्दा है।” वहीं महतजिर ने कहा “पचहत्तर साल पहले उन्होंने इज़रायल की स्थापना के लिए फ़िलिस्तीनियों की ज़मीन छीन ली। इसके बाद भी वे नहीं माने और ज़मीन छीनना जारी रखा”। उसने आगे कहा “यह सिर्फ जमीन जब्त करने का मामला नहीं है। फ़िलिस्तीनियों को यातना दिया गया। उनकी हत्या की गई। उन्हें कारावास में रखा गया है। हमास ने जो किया वह दशकों के उत्पीड़न के कारण किया।”
पाकिस्तान के अलावा इंडोनेशिया में भी इस्लामी नेताओं ने सभी मस्जिदों से फिलिस्तीनी लोगों के लिए शांति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने की अपील की। हालांकि यहां फिलिस्तीनियों का समर्थन शांति से किया गया। इंडोनेशियाई मस्जिद परिषद के अध्यक्ष ने सभी मस्जिदों से दुआ करने को कहा ताकि गाजा पट्टी में संघर्ष जल्दी खत्म हो जाए। यहां के लोग फिलिस्तीनियों के साथ खड़े हैं। यहां 200 से अधिक लोगों ने शुक्रवार को इंडोनेशिया की राजधानी में रैली की और फिलिस्तीनियों के समर्थन में बैनर लहराए।
गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए शुक्रवार को यहां ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने बताया कि शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित मस्जिद परिसर में ताला लगा दिया गया और जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है। सूत्रों ने कहा कि गाजा पट्टी में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आशंका थी। दरअसल, हमास के सिलसिलेवार हमलों के बाद इजरायल ने कार्रवाई शुरू की है, जिससे क्षेत्र में काफी तनाव पैदा हो गया है।