2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। सभी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। टिकट पाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रयास भी शुरू कर दिये हैं। कई दलों में नेताओं ने जिताऊ सीट के साथ खुद को दमदार उम्मीदवार बताते हुए पार्टी हाईकमान के सामने अपने को प्रमुखता से रखना भी शुरू कर दिया है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को पार्टी के सामने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। खुद उन्होंने पार्टी हाईकमान से एक अवसर दिये जाने का अनुरोध किया है। वे अपने ही राज्य ओडिशा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। 2004 में वह ओडिशा के देवगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए थे। उन्हें बिहार और मध्य प्रदेश से दो-दो बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी चुना गया था।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद प्रधान ने कहा कि पार्टी ने लक्ष्य बनाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए देश सेवा करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा, “मैं 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं। मैंने पहले ही पार्टी को अपनी इच्छा के बारे में सूचित कर दिया है और उससे मुझे ओडिशा से एक मौका देने का अनुरोध किया है। भाजपा का एजेंडा यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश की सेवा करें।”
धर्मेंद्र प्रधान से 2024 के आम चुनावों में भाजपा से लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों के एक साथ आने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन एक “वास्तविक चुनौती” है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि भाजपा का एजेंडा यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए देश की सेवा करें। वे बोले, “मैं आईएनडीआईए गठबंधन को एक वास्तविक चुनौती मानता हूं, क्योंकि भाजपा और एनडीए किसी भी चुनाव को लापरवाही से नहीं लेते हैं। जमीनी कार्यकर्ताओं से लेकर शीर्ष नेताओं तक, हर कोई प्रत्येक चुनाव को बहुत गंभीरता से लेता है और प्रधानमंत्री आगे बढ़कर हमारा नेतृत्व करते हैं।”
महिला आरक्षण बिल पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को खत्म होने दिया और अपने शासन के दौरान इसके प्रति कोई समर्पण नहीं दिखाया। किसी ने उनका हाथ नहीं पकड़ा था। विधेयक को पास कराने का उनके पास अवसर था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।”