Mumbai Goregaon Fire Incident: ‘हम डरे हुए और घबराए हुए थे। मैं खुद को बचाने के लिए तीसरी मंजिल से कूदने जा रहा था क्योंकि हम फंस गए थे और सीढ़ियों से भागने में असमर्थ थे, लेकिन मेरे परिवार ने मुझे रोक दिया।’ यह कहना है जय भवानी हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड के हाउस नंबर 307 में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक मुरलीधर मल्लाह का। शुक्रवार सुबह इस इमारत में आग लग गई थी, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और 61 अन्य घायल हो गए।
मल्लाह ने अपनी पत्नी धन्वंतरि और परिवार के सात सदस्यों के साथ खुद को आग से बचाने के लिए दो घंटे से अधिक समय तक अपने घर में बंद कर लिया था। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने बाद में उन्हें बाहर निकाला। मल्लाह ने कहा कि हम हमेशा की तरह रात 11 बजे सोने चले गए। लगभग 2.30 बजे हमने लोगों को चिल्लाते हुए सुना कि इमारत की निचली मंजिलों में आग लग गई है। लिफ्ट बंद थी। आग की लपटों के कारण हम सीढ़ियों से नहीं भाग सके।
उन्होंने कहा कि मैं तीसरी मंजिल से कूदने जा रहा था या खुद को बचाने के लिए बाथरूम की खिड़की का शीशा तोड़कर पाइपलाइन पकड़कर नीचे भागने के बारे में सोच रहा था, क्योंकि हम आग में फंस गए थे और सीढ़ियों से भागने में असमर्थ थे, लेकिन मेरी बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों ने मुझे रोका।’
मल्लाह ने कहा, “आग बुझने तक रुकने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हम नीचे नहीं जा पा रहे थे क्योंकि निचली मंजिलें पूरी तरह जल रही थीं। बाद में हमने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया। कपड़ों से अपने चेहरे पर मास्क बांध लिया ताकि हमारा दम न घुटे।” उनकी पत्नी धन्वंतरि ने कहा, “हम सभी डरे हुए थे और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। फायर ब्रिगेड के लोग बहुत देर से सुबह करीब 5 बजे आये।”
मल्लाह के परिवार के नौ सदस्य जीवित बचे। उनका बेटा घायल हो गया। प्रभावित इमारत के मल्लाह के परिवार सहित तीस निवासी उन्नत नगर के बीएमसी स्कूल में शरण ले रहे हैं, क्योंकि आग लगने के बाद किसी भी परिवार को तब तक लौटने की अनुमति नहीं दी गई, जब तक कि फायर ब्रिगेड और अन्य सुरक्षा विशेषज्ञ पुरानी इमारत को सुरक्षित घोषित न कर दें।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के घटनास्थल पर जाने के बाद मृतकों के परिवारों और रिश्तेदारों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़क पर धरने पर बैठ गए, लेकिन सीएम उनसे मिले बिना ही चले गए। जोनल डीसीपी, एसीपी और एक वरिष्ठ निरीक्षक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ नाराज परिवारों को शांत करने की कोशिश करते हुए देखे गए।
पीड़ित परिवारों ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें शिंदे से मिलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन बाद में सीएम मीडिया से बात करने के बाद वहां से चले गए और उनसे नहीं मिले, जिससे वे नाराज हो गए। शिंदे ने शुक्रवार शाम मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) में सात मंजिला आवासीय इमारत का दौरा किया। बाद में कांग्रेस नेता और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने भी घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
जोन 11 के पुलिस उपायुक्त अजयकुमार बंसल ने कहा, ‘गोरेगांव पुलिस स्टेशन में सात आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की गई हैं। हमने अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी है। बयान दर्ज किए जा रहे हैं और पोस्टमॉर्टम किए जा रहे हैं।’
बंसल ने कहा, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग जय भवानी हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड की इमारत में शुरू हुई और बाद में यह बगल की इमारत (समर्थ श्रुस्ती) तक फैल गई। उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और घटना पर अग्निशमन विभाग द्वारा रिपोर्ट सौंपने का इंतजार करेंगे। यदि उनके निष्कर्ष कोई संज्ञेय अपराध दर्शाते हैं, तो तदनुसार, आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।’