चीन से फंडिंग को लेकर दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ UAPA के तहत केस दायर किया है। मीडिया पोर्टल ने आरोपों को बोगस करार देते हुए कहा है कि पुलिस का एक्शन मीडिया की आवाज दबाने की कोशिश है। सरकार पुलिस के जरिये भारत में फ्री प्रेस को खत्म करने पर आमादा है। UAPA के तहत केस दर्ज करके दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक पर आरोप लगाया है कि प्लेटफार्म चीन से फंड हासिल करके भारत की संप्रभुता पर आघात करने की कोशिश में था। उसका इरादा एक बड़ी साजिश के तहत देश में घृणा का वातावरण फैलाने का था।
न्यूजक्लिक ने एक बयान में कहा है कि सरकार और दिल्ली पुलिस के सारे आरोप हवा हवाई से ज्यादा कुछ नहीं हैं। न्यूजक्लिक भारत सरकार के कानून के मुताबिक काम कर रहा था। पोर्टल ने चीन या किसी और देश से कोई फंड हासिल नहीं किया। पुलिस के आरोप बेमतलब के हैं।
ध्यान रहे कि दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड को यूएपीए मामले में अरेस्ट किया है। आरोपियों को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उनका कहना था कि पुलिस उनको एफआईआर की कापी तक नहीं दे रही है। उन्होंने कोर्ट से केस की कापी दिलवाने की दरख्वास्त की थी। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती द्वारा यूएपीए के तहत उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया।
दरअसल पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ एक्शन तब लिया जब अमेरिकी मीडिया में चीन से फंडिंग को लेकर एक खबर छपी। 5 अगस्त को प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि ऑनलाइन मीडिया आउटलेट न्यूजक्लिक को भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए चीन से धन प्राप्त हुआ था। उसके बाद न्यूजक्लिक के दफ्तर और इससे जुड़े लोगों के घरों पर ताबड़तोड़ छापे पड़े। दिनभर की छापेमारी के बाद दिल्ली पुलिस ने शाम को न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड को यूएपीए मामले में अरेस्ट कर लिया था।