तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता और कार्यकर्ता अपने महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व प्रदर्शन के लिए दिल्ली में मौजूद हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मंगलवार को कृषि भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। वहीं जब टीएमसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, उसके बाद से वह नारे लगाने शुरू कर दिए। टीएमसी के नेताओं ने केंद्र सरकार और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस उन्हें एक बस में भरकर पुलिस स्टेशन ले गई है।
अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी नेता मनरेगा सहित केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं के तहत राज्य को धन जारी नहीं करने को लेकर केंद्र के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार से ही टीएमसी का विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा और टीएमसी के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। गिरिराज सिंह ने भी ममता बनर्जी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। वहीं अनुराग ठाकुर ने भी टीएमसी पर निशाना साधा है।
वहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को ममता सरकार पर बड़ा आरोप लगाय। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हजारों ग्राम प्रधान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम (MNREGA) के तहत काम के संबंध में राज्य में हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
शुभेंदु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधते हुए दावा किया, “यह एक बड़ा घोटाला है। यह आजादी के बाद सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।” शुभेंदु ने टीएमसी नेताओं पर झूठे और मनगढ़ंत अभियान में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीएमसी एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी लेकिन अब एक क्षेत्रीय पार्टी है जो तेजी से पश्चिम बंगाल में अपना आधार खो रही है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में उसके (टीएमसी के) विरोध का उद्देश्य घटते समर्थन को पुनः हासिल करना है।