श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर तक सुनवाई टल गई है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्मभूमि विवाद मामले से जुड़े सभी केस को सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने का फैसला दिया था। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले को नहीं लड़ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की तरफ से दी गई दलील में कहा गया कि इस मामले में उनके पास इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ने के लिए पैसे नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने अपील की कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए, ताकि उनके पास पैसे की कमी ना हो। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी और इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
इस मामले पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज मैं आपको पृष्ठभूमि बताना चाहता हूं। मथुरा सिविल कोर्ट में हमने धारा 24 सीपीसी के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें मांग की गई कि कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी विवादों को मूल सुनवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर का दूसरा रिमाइंडर जारी किया, जब रजिस्ट्रार इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देनी होगी कि कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े कितने मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है।”
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को एक आदेश दिया था जिसमें उसने हाईकोर्ट से अपने पास ट्रांसफर किए गए केस की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। हालांकि हाई कोर्ट की ओर से अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का निर्देश देने से इनकार कर दिया था। इस सर्वे की इसलिए मांग की गई ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद पहले से मौजूद हिंदू मंदिर पर बनाया गया था या नहीं? court ने कहा था कि हाईकोर्ट को सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 26 नियम 11 के तहत आवेदन पर फैसला करना बाकी है, जो आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है।