फिजिक्स में इस साल (2023) के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी की ओर से की गई घोषणा के अनुसार फिजिक्स में पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल हुइलियर को नोबल अवॉर्ड मिला है। यह अवॉर्ड इनलोगों को इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि इन्होने सेकेंड के बहुत छोटे हिस्से के दौरान परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का अध्ययन किया है।
तीनों वैज्ञानिकों ने यंत्र विकसित किए जिससे एट्टोसेकेंड के समय में इलेक्ट्रॉन्स की दुनिया देखी जा सके। एट्टोसेकेंड का मतलब होता है 1/1,000,000,000,000,000,000 हिस्सा। इसी इतने एट्टोसेकेंड में एक सेकेंड पूरा होता है और इतने ही सेकेंड में ब्रह्मांड की उम्र का भी पता चलता है।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने मंगलवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की। एकेडमी के अनुसार, “उनके प्रयोगों ने मानवता को परमाणुओं और कणों में इलेक्ट्रॉन की दुनिया का इनोवेशन करने के नये टूल उपलब्ध कराये हैं।” इसमें कहा गया है कि उन्होंने लाइट की काफी छोटी तरंगें बनाने का तरीका प्रदर्शित किया है जिसका उपयोग उन तीव्र प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है जिनमें इलेक्ट्रॉन चलते हैं या ऊर्जा बदलते हैं।
नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था। पिछले साल तीन वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से यह पुरस्कार यह साबित करने के लिए जीता था कि नैनो पार्टिकल्स अलग किये जाने के बाद भी एक दूसरे से संपर्क बनाकर रखते हैं।
इससे पहले सोमवार को चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार काटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को कोविड-19 से लड़ने के लिए MRNA टीकों के विकास से संबंधित उनकी खोज के लिए प्रदान करने का ऐलान किया गया। वहीं केमिस्ट्री के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की जाएगी। बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।