महात्मा गांधी का जन्मदिन 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को सम्मान दिवस के तौर पर देखा जाता है और गांधी जी के देश की आजादी में रहे योगदान को याद किया जाता है। मोहनदास करमचंद गांधी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में एक प्रमुख अहम किरदार थे जिन्होंने देश के लिए अपनी जान तक दे दी। उनके सिद्धांतों और प्रयासों ने स्वतंत्रता की दिशा में भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधीजी ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत की को आज़ाद कराने के लिए अहिंसा का रास्ता चुना था।
महात्मा गांधी को उनके विचारों के लिए याद किया जाता है। उनके दर्शन ने दुनिया भर में अहिंसक आंदोलनों और नागरिक अधिकार अभियानों के लिए प्रेरणा के तौर पर काम किया है। इसके अलावा महात्मा गांधी ने धार्मिक सहिष्णुता की पुरजोर वकालत की और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए मजबूत प्रयास किए। गांधी जयंती उनको श्रद्धांजलि देने के तरीके के रूप में पूरे देश में मनाई जाती है, और इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी की इस साल 154वीं जयंती देश में मनाई जाएगी।
गांधी जयंती को राष्ट्रपिता के प्रति श्रद्धा दिखाने और श्रद्धांजलि देने के तरीके के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी ने अपने मूल्यों अहिंसा और स्वराज जैसे सिद्धांतों के जरिए पूरी दुनिया में जाने गए। उनके शब्दों और कार्यों ने कई लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया। गांधी के महत्वपूर्ण आंदोलन 1930 में दांडी नमक मार्च और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन थे।
गांधी जयंती को स्कूलों और कॉलेजों में मनाया जाता है और गांधी के सिखाई रास्ते और उनके पाठ को दोहराया जाता है। देश के सभी राजनीतिक दलों के नेयत राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गांधी ने हमेशा अहिंसा का मार्ग अपनाने के लिए लोगों को रास्ता दिखाया।