अब वंदे भारत ट्रेनें सिर्फ 14 मिनट में साफ होकर अगली यात्रा के लिए तैयार हो जाएंगी। ’14 मिनट का चमत्कार’ (14-minute miracle) कहे जाने वाले इस पहल को रविवार को आनंद विहार (दिल्ली), चेन्नई, पुरी और शिरडी सहित 29 स्थानों पर लॉन्च किया जाएगा। जापान में बुलेट ट्रेनों को केवल 7 मिनट में साफ करके अगली यात्रा के लिए तैयार कर दिया जाता है और इसे 7 मिनट का चमत्कार (7-minute miracle) कहा जाता है।
एक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में वंदे भारत ट्रेनों को साफ करने और अगली यात्रा के लिए तैयार होने में 45 मिनट लगते हैं। रविवार को दिल्ली कैंट स्टेशन पर जब 14 मिनट का यह अभ्यास किया जाएगा तब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद रहेंगे। अधिकारियों ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के प्रत्येक कोच में तीन सफाई कर्मचारी होंगे। सफाई मैन्युअल रूप से की जाएगी और इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। रेल मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि वह ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के एक भाग के रूप में ’14 मिनट का चमत्कार’ योजना लागू करने जा रहा है।
केंद्र ने एक बयान में कहा, “इस योजना में सभी यात्रियों को समय पर टर्मिनल स्टेशन पर उतरना सुनिश्चित करने के बाद 14 मिनट के चमत्कार की कवायद शुरू होगी। योजना कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए फ्लो चार्ट के आधार पर काम करेगी।”
केंद्र सरकार ने बयान में आगे कहा, “14 मिनट का चमत्कार सफाई गतिविधियों को आगे के विश्लेषण और फीडबैक तंत्र के लिए उचित रूप से डॉक्यूमेंट किया जाएगा। रेलवे द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रैक्टिस की प्रतिक्रिया के आधार पर एक महीने के बाद योजना में और सुधार किया जाएगा।”
वंदे भारत एक्सप्रेस को इंडियन कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई बनाती है। भारतीय रेलवे के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन के हर सेट की लागत लगभग 110 करोड़ रुपए के आसपास है। इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन की खासियत यह है कि इसमें कोई इंजन नहीं है। 8 कोच की इस ट्रेन के प्रत्येक 2 कोच के बीच सेल्फ प्रोपेल्ड मोटर लगे हैं, इसी से ट्रेन चलती है। वंदे भारत में वॉइस रिकॉर्डिंग की सुविधा भी मौजूद है। साथ ही यात्री जरूरत पड़ने पर सीधे लोको पायलट से बात भी कर सकते हैं।