बीजेपी के राज्यसभा सासंद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि वो पीएम नरेंद्र मोदी से घृणा नहीं करते हैं। लेकिन जिस तरह से वो चीन से डीलिंग में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी कर रहे हैं वो उनको गलत लगता है। इसी वजह से वो पीएम मोदी की आलोचना करते रहते हैं।
स्वामी का कहना है कि चीन ने हमाकी हजारों स्कवायर किमी जगह पर कब्जा कर लिया है पर पीएम मोदी ने कहा कि कोई आया नहीं…। उनका कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री से इस तरह की बात अच्छी नहीं लगती। एक तरफ चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारत की जमीन पर कब्जा करता जा रहा है, वहीं हमारे पीएम उसका जिक्र करने से भी बचते हैं। उनका कहना था कि एक तरफ मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को तबाह करने पर आमादा है। दूसरी तरफ सरकार लगातार मंदिरों पर कब्जा करते जा रही है।
ध्यान रहे कि सुब्रमण्यम स्वामी पहले जनता दल में होते थे। फिर उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली। 2014 में नरेंद्र मोदी जब पीएम बने तो स्वामी को राज्यसभा में भेजा गया। कुछ समय तक उनके सरकार से रिश्ते अच्छे रहे लेकिन उसके बाद वो लगातार सरकार पर हमलावर होने लगे। पीएम मोदी के साथ वो उनकी टीम के खिलाफ खास तौर पर हमलावर रहते हैं। विशेषकर विदेशमंत्री एस जयशंकर पर।
स्वामी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर हमला बोलते हुए उनको ग्लोरिफाइड वेटर का उपनाम दिया है। स्वामी कोरोनावायरस से लेकर वैक्सीनेशन और चीन से लेकर पीओके के मुद्दे पर कई बार मोदी सरकार को घेर चुके हैं। उनकी आलोचना सरकार को किस कदर अखर रही है कि जब उनका राज्यसभा कार्यकाल खत्म हुआ तो उनको फिर से मौका नहीं दिया गया। उनको आवंटित हुए सरकारी घर को भी वापस ले लिया गया। स्वामी ने अदालत के जरिये लड़ाई लड़ी पर फिर उनको पीछे हटना पड़ गया।