महाराष्ट्र के पालघर जिले में मुस्लिम संगठनों ने भाईचारे की मिसाल पेश की है। इसकी तारीफ सभी लोग कर रहे हैं। मुस्लिम संगठनों ने ईद-ए-मिलाद जुलूस को एक दिन आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 28 सितंबर को गणेश विसर्जन जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से निकल जाए। इस साल ईद-ए-मिलाद उसी दिन (28 सितंबर को) पड़ रहा है, जिस दिन अनंत चतुर्दशी है। 28 सितंबर को 10 दिवसीय गणेश उत्सव का आखिरी दिन है। यह इस्लामिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह पैगंबर मोहम्मद के जन्म का प्रतीक है और दुनिया भर के मुसलमान इस अवसर पर जुलूस निकालकर इसे धूमधाम से मनाते हैं।
पालघर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बालासाहेब पाटिल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को मुस्लिम संगठनों के साथ बैठक की क्योंकि इस साल दोनों धर्मों के त्योहार एक ही दिन पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 371 सार्वजनिक मंडलों और 804 हाउसिंग सोसाइटियों के गणेश मूर्ति विसर्जन जुलूस 28 सितंबर को निकाले जाएंगे। साथ ही जिले में ईद-ए-मिलाद के लिए कुल 25 जुलूस निकालने की योजना बनाई गई है।
बालासाहेब पाटिल ने कहा, “इस स्थिति को देखते हुए पालघर में मस्जिदों के ट्रस्टियों और कुछ प्रमुख मुस्लिम नागरिकों की एक बैठक हुई, जिसमें मुस्लिम प्रतिनिधियों ने अगले दिन 29 सितंबर को ईद-ए-मिलाद जुलूस निकालने का फैसला किया।”
बालासाहेब पाटिल ने कहा, “मुसलमानों के इस महत्वपूर्ण निर्णय ने पूरे महाराष्ट्र में एक मिसाल कायम की है और दोनों समुदायों के बीच शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। यह हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए एक प्रेरणादायक निर्णय है। यह कानून और व्यवस्था बनाए रखने में काफी मदद करेगा। पुलिस बल पर दबाव कम करेगा।”
बालासाहेब पाटिल ने कहा कि इस वर्ष से जिले में ईद-ए-मिलाद के अवसर पर निकाले जाने वाले मॉडल जुलूस को पुरस्कार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई मानक तय किए गए हैं, जिनके आधार पर पुरस्कार दिया जाएगा।