2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन ने अब तक तीन बड़ी बैठकें कर ली हैं। लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं बन सकी है, बड़ी बात ये है कि इस पर ज्यादा चर्चा भी देखने को नहीं मिल रही है। कहा जा रहा है कि आने वाली मीटिंग में सीट शेयरिंग पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। उससे पहले वायनाड से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए टेंशन वाली खबर सामने आई है।
बताया जा रहा है कि वायनाड सीट से सीपीआई अपने उम्मीदवार को उतारना चाहती है, वो तर्क दे रही है कि जब एक सीट से एक उम्मीदवार की बात हुई है, ऐसे में राहुल गांधी को खुद ही इस सीट को खाली कर देना चाहिए। अभी तक किसी भी कांग्रेस नेता इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राहुल के लिए वायनाड छोड़ना काफी मुश्किल रहेगा। ये वही सीट जिसने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी साख बचाई थी। असल में तब अमेठी में कांग्रेस नेता को स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था। तब वायनाड की सीट ने ही उन्हें संसद बनने का मौका दिया।
जानकारी मिल रही है कि इस समय सीपीआई सांसद पी संदोश कुमार ने कांग्रेस के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा है। उनका कहना है कि राज्य में भले ही दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ रही हों, लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में दोनों ही इस समय इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। ऐसे में राहुल गांधी को अपनी सीट की कुर्बानी दे देनी चाहिए। वैसे सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस, सीपीआई के इस रुख से खुश नहीं है। जोर देकर कहा गया है कि राहुल कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसका फैसला सीपीआई नहीं बल्कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी करेगी।
ममता बनर्जी के फॉर्मूले की बात करें तो उन्होंने शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि हर सीट से कोशिश ये रहनी चाहिए इंडिया गठबंधन का एक सयुंक्त उम्मीदवार मैदान में उतारा जाए। ऐसे में बीजेपी का मुकाबला सिर्फ एक प्रत्याशी से होगा और वोटों का बंटवारा काफी हद तक रुक जाएगा।