लोकसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के इतिहास को देखें तो 1970 के दशक तक इनका प्रतिनिधित्व करीब पांच फीसद था और 2009 में जाकर यह आंकड़ा दहाई संख्या में पहुंचा। राज्यसभा में महिलाओं की संख्या लोकसभा से थोड़ी कम रही है और 1951 से अब तक उच्च सदन में महिला सदस्यों की संख्या कुल सदस्यों की 13 फीसद से अधिक नहीं हो पाई है।
वहीं ‘आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (ओआरएफ) के दिसंबर 2022 में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार मौजूदा 17वीं लोकसभा में सर्वाधिक महिला सदस्य उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से हैं। लोकसभा में मंगलवार को संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया गया। यह संसद के विशेष सत्र में नए संसद भवन में पेश किया जाने वाला पहला विधेयक है। सरकार ने कहा कि महिलाओं के आरक्षण से संबंधित इस संविधान संशोधन विधेयक का उद्देश्य राष्ट्र और राज्य स्तर पर नीति बनाने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है।
लोकसभा में निर्वाचित महिला सदस्यों का सर्वाधिक अनुपात 2019 के चुनाव के बाद रहा जो कुल सदस्यों का करीब 15 फीसद था। वहीं, राज्यसभा में महिलाओं की सर्वाधिक भागीदारी 2014 में 12.7 फीसद थी। लोकसभा में 1951 में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 5 फीसद था जो 1957 में भी वही रहा। 1962 और 1967 में यह आंकड़ा बढ़कर 6 फीसद हो गया और 1971 में 5 फीसद, 1977 में 4 फीसद प्रतिनिधित्व दर्ज किया गया।
1980 में महिला सदस्यों की संख्या 5 फीसद, 1984 में 8 फीसद, 1989 में 6 फीसद, 1991 में 7 फीसद, 1996 में 7 फीसद, 1998 में 8 फीसद, 1999 में 9 फीसद, 2004 में 8 फीसद, 2009 में 11 फीसद और 2014 में 12 फीसद दर्ज की गई। वहीं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का औसत प्रतिनिधित्व ज्यादातर 10 फीसद से कम रहा है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए संसद भवन पहुंचे सांसद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, कई सांसद मंगलवार को पुरानी इमारत से पैदल चलकर नए संसद भवन पहुंचे। इसके कुछ देर बाद संसद के नए भवन में लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जे पी नड्डा थे।
उनके पीछे राजग सांसद ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे लगाते हुए चल रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी अलग से, पैदल चलकर नए संसद भवन पहुंचे। बाद में, विपक्षी दलों के कई सांसदों को भी नए संसद परिसर की ओर पैदल जाते देखा गया। इससे पहले, सांसदों ने पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में भाग लिया।