जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ सेना का अभियान लगातार जारी है। सुरक्षा बल उन स्थानों तक पहुंच चुके हैं जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। पहाड़ी इलाके के वन क्षेत्र में कब्जा कर चुके आतंकवादियों के स्थान का पता लगाने के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है। पिछले पांच दिनों से यह सर्च ऑपरेशन जारी है। रविवार को कोकेरनाग के गडोले के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया गया था। बुधवार को मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक के शहीद होने के बाद से आतंकवादी को लेकर कार्रवाई काफी तेज हो गई है। मुठभेड़ में सेना के अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हिमायूं भट्ट शहीद हो गए थे।
जंगलों में छिपे आतंकियों का पता लगाने के लिए सेना के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल घने वन क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि शुरुआती गोलीबारी में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक की हत्या के बाद बुधवार से आतंकवादी यहीं छिपे हुए हैं।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को अनंतनाग अजद कुलगाम इलाके में करीब 28 आतंकियों को देखा गया है। दावा है कि 28 आतंकवादियों में से 12 पाकिस्तानी हैं, और 16 स्थानीय हैं, जिनमें उजैर खार, बासित अहमद डार, हाफिज यावर बशीर डार और अन्य शामिल हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
सेना ने आतंकवादियों के बस्तियों में नहीं घुस पाने के लिए एहतियात के तौर पर सुरक्षा घेरा पड़ोसी पॉश क्रेरी इलाके तक बढ़ा दिया गया है। सेना निगरानी और गोलाबारी के लिए हाई-टेक उपकरणों का उपयोग कर रही है। पुलिस का मानना है कि दो से तीन आतंकवादी वन क्षेत्र में फंसे हुए हैं क्योंकि बलों ने कड़ी घेराबंदी कर रखी है। यह ऑपरेशन लगातार जारी है। भारतीय सेना के पीर पंजाल ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर पीएमएस ढिल्लों ने कहा कि पाकिस्तानी बलों ने बारामूला जिले के उरी शहर में एलओसी से भारत में घुसने की कोशिश करने वाले तीन आतंकवादियों में से एक को कवरिंग फायर दिया।