मोरक्को में आए खतरनाक भूकंप के बाद अब तक 800 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप शुक्रवार (8 सितंबर) की देर को आया था। ऐतिहासिक शहर माराकेच में इस भूकंप के बाद काफी नुकसान हुआ है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि भूकंप की चपेट में आए लोगों में ज्यादातर माराकेच और भूकंप के केंद्र के पास के पांच प्रांतों से हैं।
दिल्ली पहुंचे दुनियाभर के नेताओं ने उत्तरी अफ़्रीकी देश के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और मदद की पेशकश की है। यह एक खतरनाक भूकंप था जिसके बाद झटके लगातार आते रहे।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप स्थानीय समय रात 11.11 बजे (भारतीय समया सुबह 3.41 बजे) आए। भूकंप की तीव्रता 6.8 थी। इसके ठीक 19 मिनट बाद 4.9 तीव्रता के भूकंप के झटके ने पूरे इलाके को दहला दिया। भूकंप का केंद्र माराकेच से लगभग 70 किमी दक्षिण पश्चिम में इघिल शहर था।
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स में भूकंपीय निगरानी विभाग के प्रमुख लाहसेन म्हन्नी ने मीडिया को बताया कि यह भूकंप अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप था। जिसके लिए मोरक्को शहर पूरी तरह तैयार नहीं था। जबकि मोरक्को में 1960 में आए भूकंप जिसमें हजारों लोग मारे गए थे के बाद वहां निर्माण को लेकर कई बदलाव आए थे। ज़्यादातर मोरक्को की इमारतें और खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों, पुराने शहरों को ऐसे मजबूत भूकंप के लिए तैयार किया गया था।
माराकेच में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल माने जाने वाले पुराने शहरों में कई घर ढह गए। अब भी कई लोग मलबे के नीच दबे हैं, जिससे मौतों के आंकड़े के बढ़ने की आशंका है।
यूएसजीएस के मुताबिक पश्चिमी भूमध्य सागर में मोरक्को से बड़े विनाशकारी भूकंप दर्ज किए गए हैं और रिपोर्ट किए गए है। मोरक्को के उत्तरी हिस्से में अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। मोरक्को का ये इलाका अफ्रीकन और यूरेशियन प्लेट्स के बीच में बसा है इसलिए वहां पर इस तरह की प्राकृतिक आपदा आना संभावित है।
पृथ्वी (Earth) मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ये प्लेटें कभी स्थिर नहीं होती और लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें टकराव होता है। इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे हलचल होती है।