African Union भी अब G20 का हिस्सा है। भारत की विशेष पहले पर अफ्रीकन यूनियन को जी20 में शामिल किया गया। जी20 समिट के समापन के बाद मीडिया से बातचीत में अफ्रीकन यूनियन के चेयरपर्सन अज़ाली असौमानी ने कहा कि यह उनके लिए बहुत ही भावुक करने वाला पल था। वो AU को G20 की सदस्यता मिलने की घोषणा करने पर रोने की वाले थे।
उन्होंने रविवार शाम मीडिया से बातचीत में कहा, ”मैं रोने की वाला था, वह मेरे लिए एक भावनात्मक पल था। क्योंकि हमने सोचा था कि इसपर डिबेट होगी और फिर कोई फैसला लिया जाएगा लेकिन समिट की शुरुआत में ही यह घोषणा कर दी गई कि हम भी G20 के सदस्य हैं।”
कई अफ्रीकी नेताओं ने G20 द्वारा AU को अपने 21वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने फैसले का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा था कि G20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में AU का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इससे G20 मजबूत होगा और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज भी मजबूत होगी। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और AU के अध्यक्ष अजाली असौमानी को गले लगाया और G20 की कार्यवाही में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
AU आयोग के अध्यक्ष मौसा फाकी महामत ने पूर्ण सदस्य के रूप में G20 में समूह में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने X पर कहा, “G20 में शामिल किए जाने की हम लंबे समय से वकालत कर रहे थे और इस समूह में शामिल होने से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में अधिक प्रभावी आवाज उठाने के वास्ते महाद्वीप के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।”
केन्या के राष्ट्रपति विलैम रुटो ने भी AU को G20 में शामिल किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि G20 में AU की भागीदारी से अफ्रीकी महाद्वीप की आवाज को वैश्विक मंच पर अधिक प्रभावशाली तरीके से रखा जा सकेगा। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने G20 में पूर्ण सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के शामिल होने की सराहना की।
AU के पूर्व अध्यक्ष एवं दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित निर्णय को साझा करने वाले पहले अफ्रीकी नेताओं में से थे। रामफोसा ने X पर एक पोस्ट में कहा, “हमें खुशी है कि G20 ने अफ्रीकी संघ को G20 के सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया है।” उन्होंने कहा, “अफ्रीकी और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों के रूप में, हमें गरीबी, असमानता और बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की बाध्यता का सामना करना पड़ता है।”