देश की यातायात व्यवस्था को मजबूत बनाने और कम समय में अधिक दूरी तय करने के इरादे से बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नया एक्सप्रेसवे यूपी के वाराणसी से शुरू होकर झारखंड की राजधानी रांची तक जाएगा। 28,500 करोड़ रुपये में बनने वाला यह एक्सप्रेसवे 610 किमी लंबा होगा।
इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यूपी से पश्चिम बंगाल तक यात्रा करने में लगने वाले समय में काफी कमी आ जाएगी। इसके साथ ही यात्रा के बीच पड़ने वाले चारों राज्यों से होकर गुजरने वाले वाहनों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
यह चार राज्यों- यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को कवर करेगा। एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 242 किमी लंबा रहेगा, जबकि सबसे कम सिर्फ 22 किमी यूपी में होगा। बिहार से इसका 159 किमी लंबा हिस्सा निकलेगा। पूरा एक्सप्रेसवे 7 पैकेज में बनेगा। बिहार में 136.7 किमी की जमीन चिन्हित की गई है। इस एक्सप्रेसवे का नाम ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे होगा। नए साल की शुरुआत में ही तेजी से इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। डीपीआर भी बनाई जा चुकी है।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस वाराणसी रिंग रोड के चंदौली स्थित बरहुली गांव से शुरू होकर बिहार के चार जिलों कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया को पार करेगा। यहां से झारखंड में एंट्री होगी और पांच जिलों चतरा, हजीराबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो को कवर करते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। बंगाल में भी चार जिलों पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर एक्सप्रेसवे उलुबेरिया से होते हुए नेशनल हाईवे 19 से मिलेगा। झारखंड में इसकी लंबाई 187 किमी रहेगी।
पहले पैकेज में करीब 994.3 करोड़ रुपये की लागत से 27 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। दूसरे पैकैज में भी 27 किमी सड़क का ही निर्माण किया जाएगा। यह 851 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा।
ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे देश में पहले से बन रहे सबसे लंबा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा है। इसकी दूरी 610 किमी है, जबकि गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी लंबा होगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर 18 फ्लाईओवर बन रहे हैं।