तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर ए. रेवंत रेड्डी ने शपथ ले ली है। मुख्यमंत्री बनते ही वह एक्शन में आ गए हैं और चुनावी वादे के मुताबिक उन्होंने सीएम आवास के सामने लगे लोहे के बैरिकेड हटा दिए हैं। इधर शपथ ग्रहण पूरा भी नहीं हुआ था और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास प्रगति भवन में यह प्रोसेस पूरा किया जा रहा था। सीएम आवास के बाहर बड़ी तादाद में बुलडोजर, ट्रैक्टर और और काम करते मजदूरों को देखा जा सकता था।
आज तीन राज्यों में हार की चिंता के बीच कांग्रेस के लिए तेलंगाना में सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सुखद पल थे। जहां रेवंत रेड्डी ने भारत के सबसे युवा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में के.चंद्रशेखर राव की जगह ली। वह 54 वर्ष के हैं और केवल दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो 2014 में तेलंगाना के जन्म के बाद से राज्य की कमान संभाल रहे हैं। आज जब वह एक तरफ शपथ ले रहे थे वहीं दूसरी तरफ उनके वादे के मुताबिक सीएम आवास से बैरीकेड हटाए जा रहे थे, जिसके जरिए यह संदेश दिया गया कि यह भवन सबके लिए खुला है। सरकार में आने के बाद अब उनके सामने छह चुनावी ‘गारंटी’ पूरी करने की चुनौती होगी। माना जाता है कि राज्य में कांग्रेस की जीत का बड़ा कारण छह गारंटी पेश करने वाला पार्टी का मजबूत (चुनाव) अभियान रहा है।
इन छह गारंटी में तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बसों में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का वादा सबसे आकर्षक है। राज्य सरकार के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक, आरटीसी महिला यात्रियों से सालाना 2,500 करोड़ रुपये कमाती है। यदि योजना को लागू करना है, तो कांग्रेस सरकार को परिवहन निगम को उतनी ही राशि देनी होगी, जो पहले ही 6,000 करोड़ रुपये के घाटे से जूझ रही है। कांग्रेस ने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ करने का भी वादा किया है। बीआरएस सरकार ने एक लाख रुपये तक की छूट के लिए 21,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था। गणना के अनुसार, कांग्रेस सरकार को कृषि ऋण माफी को लागू करने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए कम से कम 35,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की आवश्यकता है।
इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने रायथु भरोसा गारंटी योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ सालाना 15,000 रुपये और खेतिहर श्रमिकों को 12,000 रुपये देने का वादा किया है।बीआरएस सरकार की रायथु बंधु योजना के तहत, किसानों को सालाना 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता था। बीआरएस सरकार ने पिछले साढ़े पांच वर्षों के दौरान ऐसी ही योजना के तहत 72,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिससे 70 लाख किसान लाभान्वित हुए।