Election Results: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी गठबंधन दलों के निशाने पर आ गई। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि यह हार जनता की नहीं है, बल्कि कांग्रेस की हार है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के दलों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था में कमी के कारण कांग्रेस तीनों राज्यों में चुनाव हार गई।
ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है, लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हार गए। उसकी बड़ी वजह रही कि इंडिया गठबंधन के दलों ने वोट काटे। उन्होंने कहा कि हमने सीट बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था, लेकिन बंटवारा वोटों का हो गया।
टीएमसी चीफ ने सुझाव देते हुए कहा, ‘विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था होती है, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा और गलतियों को सुधारेगा, हम गलतियों से सीखेंगे।’
बनर्जी की टिप्पणी कांग्रेस को तीन प्रमुख राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार का सामना करने के बाद आई है। पार्टी मिजोरम में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही। कांग्रेस की एकमात्र तसल्ली तेलंगाना जीत है।
राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने कई सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ा था। कई लोगों ने बताया है कि इससे वोटों में विभाजन हुआ और भाजपा को फायदा हुआ।
जैसे ही रुझानों में कल भाजपा की जीत की ओर इशारा किया गया। इंडिया गठबंधन के भीतर हंगामा शुरू हो गया। गठबंधन के कई सहयोगियों ने चुनावों से पहले खुद को दूर करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। जनता दल यूनाइटेड के केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियों को नजरअंदाज किया, लेकिन अपने दम पर जीतने में असमर्थ रही। केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता पिनाराई विजयन ने कहा कि हिंदी पट्टी में बीजेपी से मुकाबला करते समय साथ मिलकर लड़ना जरूरी है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे के तुरंत बाद ही टीएमसी के एक नेता ने कहा कि अब गठबंधन की बागडोर टीएमसी को दे देनी चाहिए। इसके अलावा खुद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जनता तय करेगी कि चेहरा ममता बनर्जी होंगी या राहुल गांधी या अरविंद केजरीवाल या उद्धव ठाकरे…अगर आपको लगता है कि बीजेपी की यह जीत पश्चिम बंगाल में दिखाई देगी, तो मुझे ऐसा नहीं लगता, क्योंकि बंगाल का चुनाव बंगाल के मुद्दों पर लड़ा जाएगा। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश या राजस्थान में जो हुआ उस पर नहीं।