Uttarkashi Rescue Operation: उत्तराखंड की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को अब किसी भी वक्त बाहर निकाला जा सकता है। सुरंग के बाहर अपनों के निकलने का इंतजार करते लोगों में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मनजीत चौधरी के पिता भी शामिल हैं, जो पत्नी के गहने गिरवी रख कर यहां पहुंचे। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि यहां का किराया जुटा सकें।
सुरंग में 40 अन्य मजदूरों के साथ फंसे हुए अपने 22 वर्षीय पुत्र मंजीत के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के खेतिहर मजदूर चौधरी ने कहा, ‘अधिकारियों ने हमें बताया है कि अब श्रमिकों के जल्द बाहर आने की संभावना है। हमें कपड़े और अपना सामान तैयार रखने को कहा गया है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया है कि श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद हमें भी उनके पास भेजने की व्यवस्था की जाएगी।’ मीडिया से बात करते हुए चौधरी के चेहरे पर मुस्कान थी। चौधरी अपने एक पुत्र को पहले ही मुंबई में एक दुर्घटना में खो चुके हैं, जिसके बाद मंजीत के सुरंग में फंसने से वह बहुत मायूस हैं। मीडिया से अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा, ‘चादर फैला कर ऊपर वाले से यही दुआ करता हूं कि बेटा जल्द से जल्द सुरंग से निकल जाए। मैं जी भर कर उसे देख लेना चाहता हूं।’
मनजीत के पिता ने बताया कि उनकी सुरंग में फंसे बेटे से बात हुई है। बेटे ने कहा कि वो ठीक है। उसने परिवार के बारे में जानकारी ली और कहा कि परिवार के लोग हौसला बनाए रखें। उन्होंने कहा कि वो परिवार वालों के बारे में ही पूछ रहा था। कह रहा था कि परिवार वाले हिम्मत रखें वो बाहर निकल आएगा। वो खुद से ज्यादा परिवार वालों के बारे में सोच रहा है।
सुरंग में फंसे एक अन्य श्रमिक गब्बर सिंह नेगी के बड़े भाई जयमल सिंह ने कहा कि इस समय वह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति भी खुश नजर आ रही है और ठंडी हवाओं से पेड़ और पत्ते झूम रहे हैं। उन्होंने भी बताया कि उन्हें सामान तैयार रखने तथा अगले आदेश का इंतजार करने को कहा गया है।
नेगी ने कहा, ‘हम सुरंग के बाहर खड़े होकर उनका इंतजार कर रहे हैं और वे (फंसे हुए श्रमिक) भी संघर्ष कर रहे हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह सब जल्द खत्म हो।’ चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 श्रमिक उसमें फंस गए थे। उन्हें बाहर निकाले जाने के लिए पिछले 16 दिन से युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।