Trade Fair 2023: प्रगति मैदान में लगे विश्व व्यापार मेले में बना ‘दिल्ली पवेलियन’ राष्ट्रीय राजधानी की समृद्ध विरासत की कहानी बयां कर रहा है। दरअसल दिल्ली सरकार ने इसके जरिए विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति की एक झलक पेश करने की कोशिश की है। यहां लगाई गई प्रदर्शनी व उकेरे गए चित्र दिल्ली की सामूहिक उपलब्धियों की कहानी बयां कर रहें हैं।
पवेलियन की दीवारें दिल्ली विरासतों में रमी पड़ी है। मसलन उन पर कनाट प्लेस के विभिन्न चित्र, दिल्ली के स्मारक के साथ ‘आइ लव दिल्ली’ नाम से बनाए गए ‘सेल्फी प्वाइंट’ आकर्षक का केंद्र हैं। उद्योग विभाग और डीएसआइआइडीसी की ओर से यहां नव उद्यम नीति, दिल्ली बाजार, ‘दिल्ली जाब कैपिटल’ जैसी नीतियों यहां दर्शाया गया है।
राजधानी को ‘इन्वेस्ट दिल्ली’, ‘ईज आफ लिविंग’,‘क्लीन दिल्ली-ग्रीन दिल्ली’ नाम से यहां समर्पित किया गया है। दिल्ली पवेलियन में कनाट प्लेस को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। दिल्ली की विरासतों में ‘अक्षरधाम मंदिर’ की आकर्षक थ्री डी प्रतिरूप आगंतुकों को यादगार तस्वीर लेने के लिए आकर्षित कर रहा है।
दरअसल, दिल्ली पवेलियन को लुभाने व समझाने के नजरिए से गलियारों में बांटा गया है। मसलन दिल्ली का पर्यटन गलियारा यहां के ऐतिहासिक स्मारकों, चिकित्सा पर्यटन और शिक्षा पर्यटन की अनकही कहानी कह रहा है। औद्योगिक गलियारा नव उद्यम, उद्यमिता, और एमएसएमई (छोटे व लघु उद्योग) पर केंद्रित सरकारी नीतियों का का प्रदर्शन कर रहा है। एक सांस्कृतिक गलियारे में योग, त्योहारों, और विभिन्न नृत्य रूपों को प्रदर्शित किया गया है।
‘दिल्ली पवेलियन के जरिए दिल्ली सरकार अपने कार्यों व नीतियों को यहां दर्शकों के बीच लाई है। जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन आदि की नीतियों, योजनाओं व उपलब्धियों को दावों के साथ प्रदर्शित किया गया है। इनमें मोहल्ला क्लिनिक सेवाएं, शिक्षा माडल में हैपिनेस करिकुलम को खास महत्त्व दिया गया देखा जा सकता है। इसमें जल बोर्ड भी पाछे नहीं है, उसने यहां दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ के रूप में दिखाया गया है। इसके अलावा तिहाड़ जेल की चित्रकारी और बंदियों के बनाए बेकरी उत्पादों का भी प्रदर्शन है, जो जेल सुधारों की ओर इशारा कर रहा है।
बता दें कि प्रगति मैदान में करीब 1,10,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गेनाइजेशन (आइटीपीओ) की ओर से आयोजित यह 42वां विश्व व्यापार मेला 14 से शुरु हो चुका है। 27 नवंबर तक सुबह 10 बजे से शाम 7.30 बजे तक चलने वाले इस मेले में 10 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। 3,500 प्रदर्शकों के साथ लगे इस मेले का ध्येय वाक्य (थीम) प्राचीन भारतीय दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम: यूनाइटेड बाइ ट्रेड’ रखा गया है।