Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच बीते एक महीने से संघर्ष जारी है। जिसका खामियाजा गाजा के लोगों को अपनी जिंदगी को चुकाकर भुगतना पड़ा रहा है। इस जंग में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग मौत की नींद सो चुके हैं। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद गाजा युद्ध के मैदान में तब्दील हो चुका है। हमास के हमले के बाद इजरायल गाजा पर लगातार बमबारी कर रहा है। इजरायल का कहना है कि वो हमास को मिटा कर ही दम लेगा। हमास के बीच जारी जंग के बीच इजरायल को अब 1 लाख भारतीय श्रमिकों की जरूरत पड़ी है। इजरायल करीब 1 लाख श्रमिक भारत से ले जाना चाहता है।
इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने इजरायल की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार से 1 लाख भारतीय श्रमिकों की भर्ती की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम पूरे सेक्टर में काम करने के लिए भारत से करीब 50 हजार से 1 लाख श्रमिकों को शामिल करेंगे और इसे सामान्य स्थिति में लाएंगे।
रिपोर्ट की मानें तो करीब 90 हजार फिलिस्तीनी ऐसे हैं, जो युद्ध शुरू होने से पहले इजरायल में काम करते थे, लेकिन 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के आतंकवादियों के हमले के बाद अब उन्हें इजरायल में काम करने की मनाही हो चुकी है। इसकी वजह से इजरायल के निर्माण उद्योग में भारी मंदी आ गई है। जिसको कार्यबल की कमी के कारण दिक्कतों का सामन करना पड़ रहा है। यही कारण है कि इजरायल को 1 लाख भारतीय श्रमिकों की जरूरत है।
यहां एक बात यह भी गौर करने वाली है कि भारत और इजरायल ने इस साल मई की शुरुआत में 42 हजार भारतीय श्रमिकों को निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में इजरायल में काम करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस कदम से इजरायल को जीवनयापन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद थी, क्योंकि भारतीय श्रमिकों को तुलनात्मक रूप से कम वेतन दिया जाता है।
बता दें, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आबादी है। सैकड़ों भारतीय श्रमिक पहले से ही मध्य पूर्व में काम कर रहे हैं। अब तक, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या किसी नए सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे या वे मौजूदा सौदे में बदलाव करेंगे, क्योंकि यह निर्माण और नर्सिंग दोनों क्षेत्रों के लिए केवल 42 हजार श्रमिकों को अनुमति देता है।
अंग्रेजी वेबसाइट ‘द स्टेट्समैन’ ने वीओए (VOA) में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा, ‘इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने बेंजामिन नेतन्याहू सरकार अपील की है कि गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अपना वर्क परमिट खो चुके फिलिस्तीनियों की जगह लेने के लिए कंपनियों को एक लाख भारतीय मजदूरों को काम पर रखने की अनुमति दी जाए। इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन के हैम फीग्लिन ने कहा कि वे इस संबंध में भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं और फिलहाल इसे मंजूरी देने के लिए इजरायली सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।