मंगलवार को मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों और छत्तीसगढ़ राज्य की 20 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। दोनों ही राज्यों में मतदान को देखते हुए बेहद कड़ी सुरक्षा व्यस्था है। मिजोरम में जहां 40 विधानसभा सीटों पर 8.57 लाख से अधिक मतदाता 174 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला करेंगे, वहीं छत्तीसगढ़ में पहले चरण में राज्य के 40,78,681 मतदाता 223 उम्मीदवारों के भाग्य को वोटिंग मशीन में कैद करेंगे।
मिजोरम के सभी 1,276 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा और शाम चार बजे तक जारी रहेगा। राज्य में 149 सुदूर मतदान केंद्र हैं, जबकि अंतरराज्यीय एवं इंटरनेशनल बॉर्डर के आसपास के करीब 30 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान से पहले म्यांमा से लगी 510 किलोमीटर बॉर्डर और बांग्लादेश से लगी 318 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया गया है। इसके अलावा असम के तीन जिलों, मणिपुर के दो और त्रिपुरा के एक जिले से लगीं अंतर-राज्यीय सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 3,000 पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 5,400 कर्मियों को चुनावों के लिए तैनात किया गया है। चुनाव में 18 महिलाओं समेत कुल 174 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। BJP और AAP क्रमशः 23 और 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। कुल मिलाकर, 4,39,026 महिला मतदाताओं समेत 8,57,063 मतदाता मिजोरम विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार के इस्तेमाल के पात्र हैं।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में राज्य के 40,78,681 मतदाता 223 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बस्तर के सांसद दीपक बैज, कांग्रेस सरकार के तीन मंत्री, भाजपा की ओर से चार पूर्व मंत्री और एक पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 विधानसभा क्षेत्रों मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक तथा दस विधानसभा क्षेत्रों पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा।
पहले चरण में जिन 20 सीटों पर मतदान होना है उनमें से 12 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए जबकि एक अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित है। 2018 के चुनाव में बीजेपी को इन 20 सीटों में से 18 पर हार का सामना करना पड़ा था। पहले चरण में सबसे अधिक उम्मीदवार राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र (29) में हैं, जबकि सबसे कम उम्मीदवार चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीटों पर सात-सात उम्मीदवार हैं।
पहले चरण में कांग्रेस से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव), मोहम्मद अकबर (कवर्धा) और दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा (दंतेवाड़ा) प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं। वहीं भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (राजनांदगांव), राज्य के चार पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), लता उसेंडी (कोंडागांव), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और महेश गागड़ा (बीजापुर) तथा पूर्व आईएएस अधिकारी नीलकंठ टेकाम (केशकाल) प्रमुख उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ ओबीसी नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को राजनांदगांव से रमन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है। राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी को भानुप्रतापपुर सीट से मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस विधायक अनूप नाग, जिन्हें पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, अपनी मौजूदा अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रथम चरण में निर्वाचन के लिए कुल 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए 25,429 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पांच जिलों सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और नारायणपुर में कुल 156 मतदान दलों को हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके उनके गंतव्यों के लिए रवाना किया गया है, जबकि 5148 मतदान दलों को बसों से संबंधित केंद्रों पर भेजा गया है।
राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। कुल मतदान केंद्रों में से 2431 में वेब कास्टिंग सुविधा उपलब्ध होगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 12 निर्वाचन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 40 हजार जवान समेत 60 हजार सुरक्षाबल के जवान तैनात किए गए हैं।