Kerala Blast Update: हाल ही में केरल के कोच्चि में कलामासेरी के पास एक ईसाई समूह के कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोटों के बाद सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ पोस्ट करने के मामले में पुलिस ने 54 केस दर्ज किए हैं। केरल पुलिस का कहना है कि इनमें सबसे अधिक 26 मामले मलप्पुरम जिले में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 15 मामले एर्नाकुलम में और पांच मामले तिरुवनंतपुरम में दर्ज किए गए हैं।
त्रिशूर शहर और कोट्टायम में दो-दो, जबकि पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, पलक्कड़ और कोझिकोड ग्रामीण में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने कई फर्जी प्रोफाइल की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल ऐसे पोस्ट शेयर करने के लिए किया गया है। इन पोस्टों से राज्य में सांप्रदायिक नफरत पैदा होने की आशंका थी। पुलिस के मुताबिक, “ऐसे फर्जी प्रोफाइल के आईपी पते की पहचान करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया मंचों से अनुरोध किया गया है। राज्य में साइबर प्रकोष्ठ ऐसे हैंडल की पहचान करने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।”
केरल के कोच्चि शहर में रविवार (29 अक्टूबर) को एक कन्वेंशन सेंटर में चल रही प्रार्थना सभा के दौरान ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 12 साल की एक बच्ची समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। कंवेंशन सेंटर में एक के बाद एक कई धमाके हुए। वहीं, धमाके के बाद ईसाइयों के ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने कुछ घंटे बाद ही त्रिशूर जिला पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
इससे पहले केरल पुलिस ने नफरत फैलाने वाला प्रचार करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चन्द्रशेखर कलामसेरी विस्फोट पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं। एफआईआर में कहा गया है कि मंत्री ने एक्स पर नफरत फैलाने का काम किया।
कोच्चि के कन्वेंशन सेंटर में हुए धमाके के कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए केरल सीएम की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि केरल के सीएम पिनराई विजयन दिल्ली में इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसका हवाला देते हुए चंद्रशेखर ने लिखा, ‘दिल्ली में बैठकर इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि केरल में आतंकवादी हमास के जरिए जिहाद करने को कहे जाने की वजह से निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम धमाके हो रहे हैं।’