बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग मेंं झुलस रहा है। शनिवार को दो सियासी रैलियों ने देश में ऐसा माहौल बना दिया कि देखते ही देखते हिंसा चरम पर पहुंच गई और कुल 200 लोग घायल हो गए। चिंता की बात ये रही कि इस बवाल में एक पुलिसकर्मी की मौत की खबर भी आई है। कई पुलिसकर्मी तो घायल भी बताए जा रहे हैं जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। इस हिंसा के बीच विपक्षी पार्टियां लगातार प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांग रही है।
अब यहां ये समझना जरूरी है कि बांग्लादेश में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन विपक्ष को डर है कि आगामी चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हो पाएंगे। ऐसे में बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार की जरूरत है और शेख हसीना को भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा। ये मांग बांग्लादेश की ही प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा रखी गई है। उनकी अगुवाई कर रहीं पूर्व पीएम खालिदा जिया ने ही शनिवार को एक विशाल रैली का आयोजन किया था।
उनकी रैली का मकसद ही ये था कि पीएम शेख हसीना का इस्तीफा मांगा जाए और देश में एक अंतरिम सरकार का गठन हो। अब उस रैली में तो भारी भीड़ जुटी ही, लेकिन पुलिस का एक्शन भी देखने को मिल गया। असल में जिस समय खालिदा जिया अपनी रैली कर रही थीं, पीएम शेख हसीना ने भी एक दूसरी शांति रैली निकाली। यानी दोनों तरफ से सियासी पारा पूरी तरह हाई चल रहा था। अब आरोप ये है कि शेख हसीना आवामी पार्टी की एक बस पर विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। उस हमले की वजह से ही हिंसा भड़क उठी और देखते ही देखते कई जगह आगजनी हुई और बवाल की स्थिति बनती चली गई।
उस एक बवाल के बाद ही पुलिस ने भी बीएनपी की रैली में आए तमाम समर्थकों को तितर-बितर करने का काम किया। आंसू गैस के गोले भी दागे गए और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल भी हुआ। कई मौकों पर भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। उस पुलिस ने तो बल प्रयोग किया ही, विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी खूब उपद्रव मचाया। उसी वजह से एक पुलिसकर्मी की जान चली गई, वहीं 48 घायल हो गए।
अब इस हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। एक तरफ पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी ने जोर देकर कहा है कि वे पूरे देश में इस हिंसा के खिलाफ हड़ताल करने जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ पीएम शेख हसीना ने आरोप लगा दिया है कि विकास को रोकने के लिए विपक्ष द्वारा ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। अभी के लिए बांग्लादेश में जमीन पर स्थिति विस्फोटक और तनावपूर्ण बनी हुई है, अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी इसी वजह से ज्यादा कर दी गई है।
वैसे इस पूरे विवाद एक एंगल चीन से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है। असल में ये बात किसी से नहीं छिपी कि शेख हसीना की अगुवाई में चल रही सरकार के चीन के साथ उतने मधुर रिश्ते नहीं है जितने पिछली सरकार के रहे। ऐसे में कुछ जानकारों का मानना है कि बांग्लादेश में जो बवाल हो रहा है, उसमें कोई चीनी साजिश भी हो सकती है। जिस तरह से चीन, नेपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाता जा रहा है, वो लंबे समय से बांग्लादेश में भी वैसा ही करना चाहता है। इंफ्रास्ट्रक्चर के बहाने उसे वहां घुसना भी है और व्यापार भी करना है।